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क्लिक कारोबार में फंसी एड्सवर्क, 35 आईडी धारकों के करोड़ों रुपए फंसे, SP ने दिए जांच के आदेश
नोएडा: क्लिक के जरिए धोखाधड़ी करने वाले एबलेज और वेबवर्क कंपनी की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी, कि तीसरी कंपनी एड्सवर्क के खिलाफ निवेशकों ने शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि यह कंपनी क्लिक के नाम पर करोड़ों रुपए हड़प चुकी है। एसपी सिटी दिनेश यादव ने इस मामले में कोतवाली सेक्टर-20 को एफआईआर दर्ज कर जांच करने के आदेश जारी किए है।
35 आईडी धारकों के करोड़ों रुपए फंसे
- एबलेज और वेबवर्क का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद एड्सवर्क के निवेशक शिकायत करने के लिए कई दिनों से पुलिस के चक्कर काट रहे थे।
-शिकायत कर्ताओं में नोएडा का पीड़ित नहीं होने से कंपनी की शिकायत नहीं हो पा रही थी।
-ऐसे में नोएडा के छलेरा निवासी गौरव चौहान और फिरोज चौहान ने कुछ और लोगों के साथ एसपी सिटी से शिकायत की है।
-हरियाणा के मंजीत, नरेंद्र सिंह, जोगिंदर सहित 35 लोगों ने आईडी धारकों की शिकायत की है।
-जिन्होंने एक करोड़ रुपए फंसे होने की बात कही है।
कंपनी के कई खातों से चल रहा फर्जीवाड़ा
-पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने आईडी के लिए कंपनी के सेक्टर-18 स्थित आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक के खाते में रकम जमा कराई थी।
-यह खाता फीनिक्स इंफोटेक के नाम से है।
-कंपनी के दो और खाते दिल्ली स्थित आईडीबीआई (IDBI) और एसबीआई (SBI)बैंक में भी है।
-खास बात यह है कि यहां जो भी पीड़ित पहुंचा है, उसे कंपनी का पता तक नहीं मालूम।
-पीड़ितों ने कंपनी के दो निदेशक आदित्य ठाकुर और राजीव को बताया है।
-जिनके खिलाफ शिकायत दी गई है।
आगे की स्लाइड में पढ़ें एब्लेज के बाद बंद हुआ ट्रांजेक्शन...
-एड्सवर्क कंपनी इसी साल 16 जनवरी को शुरू हुई थी।
-एसटीएफ द्वारा एक फरवरी को एबलेज कंपनी का खुलासा किया था।
-जिसके बाद एड्सवर्क ने अपने सभी ट्रांजेक्शन रोक दिए थे।
-ऐसे में निवेशकों का करोड़ों रुपए कंपनी के खातों में फंस चुका है।
यह कंपनी देती थी पांच पैकेज
-एबलेज और वेबवर्क की तरह ही एड्सवर्क कंपनी भी 3450 रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक पांच पैकेज देती थी।
-इन पैकेज को लेकर लोग कंपनी की आईडी ले सकते थे।
-पैकेज के अनुसार क्लिक पर प्रतिदिन 45 रुपए से तीन हजार रुपए तक देने का दावा किया जाता था।
10 फरवरी को बदला नाम
-एबलेज की जांच बढ़ता देख कंपनी ने इसका नाम बदलकर एड्सकार्ट कॉम रख लिया।
-खास बात यह है कि 16 फरवरी को यह वेबसाइट भी बंद हो गई।
-बंद करने से पहले दोनों निदेशकों ने लोगों से 17 फरवरी तक उनका पैसा खातों में वापस डालने का आश्वासन दिया था। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।