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इलाहाबाद लखनऊ महाधिवक्ता कार्यालय की कार्यदशा सुधारने का सरकार को निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इलाहाबाद व लखनऊ स्थित महाधिवक्ता कार्यालय में मूलभूत सुविधाएं, स्टाफ 30 जून तक मुहैया कराने का निर्देश दिया है और कहा है कि राज्य विधि अधिकारियों को सुविधाएं मुहैया न कराकर राज्य सरकार अपनी ही वाद नीति का उल्लंघन कर रही है।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इलाहाबाद व लखनऊ स्थित महाधिवक्ता कार्यालय में मूलभूत सुविधाएं, स्टाफ 30 जून तक मुहैया कराने का निर्देश दिया है और कहा है कि राज्य विधि अधिकारियों को सुविधाएं मुहैया न कराकर राज्य सरकार अपनी ही वाद नीति का उल्लंघन कर रही है।
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सुविधाएं मुहैया कराने में देरी कर सरकार अपना एवं वादकारियों दोनों का नुकसान कर रही है। मुकदमों में कमजोर पैरवी से न्याय देने की प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न कर रही है। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी.केशरवानी ने उ.प्र. राज्य की प्रथम अपील की सुनवाई करते हुए दिया है।
अपील की सुनवाई के दौरान मांगी गयी जानकारी उपलब्ध न करा पाने के कारण कोर्ट ने सरकार को महाधिवक्ता कार्यालय की कार्य दशा में सुधार लाने का निर्देश दिया था और हलफनामा मांगा थ।
महाधिवक्ता का प्रस्ताव अपूर्ण
राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्त सुधांशु श्रीवास्तव ने प्रमुख सचिव न्याय डी.के.सिंह का हलफनामा दाखिल कर बताया कि महाधिवक्ता द्वारा भेजा गया प्रस्ताव अपूर्ण है।
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कम्प्यूटर स्कैनर व सहवर्ती उपकरणों के संचालन के लिए प्रोग्रामर, डाटा बेस, एडमिनिस्ट्रेटर सहायक प्रोग्रामर, डाटा इंट्री आपरेटर के वेतनमान व भर्ती क्षति का ब्यौरा नहीं दिया गया है। जानकारी मांगी गयी है। सभी विभागों के अपर मुख्य, प्रमुख सचिवों व सचिवों को ई मेल पते अपडेट करने के आदेश दिये गये हैं ताकि सरकारी वकीलों को समय से जानकारी दी जा सके।
कोर्ट ने सरकार के लचर रवैये पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि सरकार की ठीक से काम करने की मंशा ही नहीं है। राज्यवाद नीति के खिलाफ काम कर रही है। सुविधाओं की कमी के कारण मुकदमों की सुनवाई में अनावश्यक देरी हो रही है।