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अब पैक्स के माध्यम से बेची जाएंगी जेनेरिक दवाएं, गांव के लोगों भी मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सस्ते दामों में जेनेरिक दवाओं बेचने की सफल योजना को अब और भी व्यापक स्वरूप दिया जाएगा।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Ashiki
Published on: 29 May 2021 3:03 PM GMT
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लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सस्ते दामों में जेनेरिक दवाओं बेचने की सफल योजना को अब और भी व्यापक स्वरूप दिया जाएगा। शहरों के साथ अब गांव के लोगों भी इसका लाभ मिल सके इसके लिए सस्ती जेनेरिक दवाएं सहकारी समितियों (पैक्स) के माध्यम से जनऔषधि केन्द्रों पर बेचीं जाएगी। इसका दोहरा लाभ मिलेगा। एक तो गांव के लोग भी सस्ती दवाओं का लाभ ले सकेगें। साथ गांव के बेरोजगार युवकों को रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा सस्ती दवाओं के लिए गांव वालों को शहर आने से भी बचत होगी।

योजना के तहत चरणबद्व तरीके से इस काम को अंजाम दिया जाएगा। पहले चरण में राज्य के 631 पैक्स पर जेनेरिक दवाएं बेचने का काम किया जाएगा। इसको आयुष्मान सहकार योजना से जोड दिया जाएगा। इस पूरी योजना मेंप्रत्येक पैक्स पर दस से 15 लाख रुपए खर्च होंगे। राज्य में इस समय करीब 7000 पैक्स हैं। जिनमें से 6400 काम कर रहे हैं। जल्द ही इस योजना के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से आर्थिक मदद ली जाएगी। राज्य में 960 जन औषधि केंद्र हैं. यह सरकारी अस्पताल और निजी क्षेत्रों में भी चल रहे हैं। इन पर 1400 किस्म की दवाएं और 500 सर्जिकल सामान सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जाती है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में इस साल मार्च में प्रधानमंत्री मोदी ने जन औषधि दिवस पर 7500वें जन औषधि केंद्र को देश को समर्पित कर चुके हैं। लोगों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है इसी कड़ी में देश के विभिन्न हिस्सों में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए लोगों का केन्द्र और राज्य सरकारें सहयोग कर रही है।

Ashiki

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