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25 साल बाद धोखाधड़ी के मामले में SBI के तत्कालीन मैनेजर को मिली 8 साल की कैद, जुर्माना

सीबीआई की एक स्पेशल कोर्ट ने बैंक को लाखों की चपत लगाने के मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कानपुर स्थित चमनगंज शाखा के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर एफ यू अहमद को 25 साल बाद दोषी करार दिया है ।

tiwarishalini
Published on: 4 Jan 2017 7:25 PM IST
25 साल बाद धोखाधड़ी के मामले में SBI के तत्कालीन मैनेजर को मिली 8 साल की कैद, जुर्माना
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लखनऊ: सीबीआई की एक स्पेशल कोर्ट ने बैंक को लाखों की चपत लगाने के मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कानपुर स्थित चमनगंज शाखा के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर एफ यू अहमद को 25 साल बाद दोषी करार दिया है । स्पेशल जज एमपी चौधरी ने फैसला सुनाते हुए आरोपित अहमद को 08 साल की सजा सुनाई है इसके साथ ही उस पर 02 लाख 20 हजार का जुर्माना भी ठोका है। कोर्ट ने इस मामले में दोषी करार दी गई कंपनी मेसर्स सिंथेटिक्स एंड केमिकल्स लिमिटेड को 27 लाख 38 हजार 777 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।

विशेष अदालत ने इस मामले में चार अन्य मुल्जिमों को भी दोषी करार दिया है। मुल्जिम मो. शाहिद, मो. शहाब को पांच-पांच साल की सजा और 30-30 हजार के जुर्माने से दंडित किया है।

मुल्जिम मो. शहरयार को पांच साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना जबकि मुल्जिम जैनुल आब्दीन को 06 साल की सजा और 70 हजार के जुर्माने से दंडित किया है।

सीबीआई के वकील अमित पाल के अनुसार, कानपुर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चमनगंज शाखा में मेसर्स सिंथेटिक्स एंड केमिकल्स लिमिटेड का खाता था। साल 1992 में इस कंपनी के पक्ष में कई दूसरी कंपनियों ने लाखों के चेक जमा किए। ब्रांच मैनेजर एफ यू अहमद द्वारा अन्य मुल्जिमों के साथ एक साजिश की गई। जिसके तहत इन सभी चेकों का कलेक्शन किए बगैर एलआईटी खाते को डेबिट करते हुए कंपनी के खाते में क्रेडिट कर दिया गया।

06 अगस्त, 1993 को इस मामले की एफआईआर दर्ज हुई थी। विवेचना के बाद सीबीआई ने इन सभी मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।

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वकील अनुराग त्रिवेदी की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज

लखनऊ: सेशन कोर्ट ने कलक्ट्रेट में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बीते दिनेां हुए मारपीट के मामले में वकील अनुराग त्रिवेदी की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। उनकी नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई गुरुवार (5 जनवरी) को होगी।

सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव ब्रजेश कुमार यादव के मुताबिक, इसी अदालत ने इस मामले में अनुराग त्रिवेदी की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर को स्पंज किए जाने के मामले में भी थाने से रिपोर्ट तलब की है।

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इससे पहले अनुराग त्रिवेदी ने निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत की मांग की थी लेकिन मामले की गंभीरता के मद्देनजर अर्जी खारिज कर दी गई। इस मामले में अनुराग त्रिवेदी के खिलाफ थाना कैसरबाग में तीन एफआईआर दर्ज हुए थे।

जबकि एक एफआईआर अनुराग त्रिवेदी ने भी कलक्ट्रेट के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज कराई थी, लेकिन बाद में डीएम के आदेश पर इस एफआईआर को स्पंज कर दिया गया था।

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गवाहों को हाजिर न करने पर दो इंस्पेक्टरों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश

लखनऊ : गवाहों पर समन का तामीला नहीं कराने और उन्हें गवाही के लिए हाजिर नहीं कराने के दो अलग-अलग मामलों में कोर्ट ने इंस्पेक्टर धर्मराज उपाध्याय और सलाउद्दीन के खिलाफ परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया है। धर्मराज थाना मलिहाबाद जबकि सलाउद्दीन थाना आशियाना के इंस्पेक्टर हैं।

विशेष जज सुनील कुमार यादव ने इस संबध में दोनों के विरुद्ध नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। इनसे पूछा है कि क्यों न कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने के एवज में उन्हें दंडित किया जाए।

कोर्ट ने कहा कि यह व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर बताएं। इसके साथ ही यह ताकीद भी किया है कि यदि वह नहीं आते हैं, तो यह मान लिया जाएगा कि उन्हें इस संदर्भ में कुछ नहीं कहना है। तब उनके विरुद्ध विधिनुसार कार्यवाही की जाएगी।

कोर्ट ने इंस्पेक्टर धर्मराज को 9 जनवरी जबकि सलाउद्दीन को 10 जनवरी को तलब किया है।



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