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अगले महीने दिनेश शर्मा और स्वतंत्र देव सिंह समेत ये दिग्गज नहीं रहेंगे विधायक
देश के सबसे बड़े सूबे में अगले महीने से एक बार फिर चुनावी माहौल दिखाई पड़ने लगेगा। जनवरी में जहां 12 सीटों पर विधानपरिषद के चुनाव होगें वहीं फरवरी-मार्च में पंचायत के भी चुनाव होने हैं।
लखनऊ: देश के सबसे बड़े सूबे में अगले महीने से एक बार फिर चुनावी माहौल दिखाई पड़ने लगेगा। जनवरी में जहां 12 सीटों पर विधानपरिषद के चुनाव होगें वहीं फरवरी-मार्च में पंचायत के भी चुनाव होने हैं। ख़ास बात यह है कि विधानपरिषद सीटों पर जिन सदस्यों का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है वो सभी राजनीति के बड़े दिग्गज हैं। एक महीने बाद विधान परिषद की 12 सीटों का कार्यकाल 30 जनवरी को खत्म हो रहा है।
इन सदस्यों का कार्यकाल खत्म
विधान परिषद के जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा , आशु मलिक, सभापति रमेश यादव, प्रतिपक्ष अहमद हसन, रामजतन राजभर, वीरेन्द्र सिंह, साहब सिंह सैनी, नेता बसपा धर्मवीर सिंह अशोक, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदीप कुमार जाटव, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के नाम शामिल हैं। इन 12 सीटों में छह पर सपा तीन पर भाजपा दो पर बसपा और एक पर कांग्रेस का कब्जा है। पर 2017 के बाद अब तक सदन का परिदृश्य बदल चूका है। अब जब चुनाव होंगे तो इसमें भाजपा को फायदा होगा। इन विधानपरिषद सीटों पर कई दिग्गजों का कार्यकाल खत्म होने के कारण चुनावी गणित देखने को मिलेगी।
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पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी
इस चुनाव के बाद फिर प्रदेश मे पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। अनुमान इस बात का है कि पंचायत चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण में जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के चुनाव होंगे और दूसरे चरण में ग्राम पंचायत सदस्यों व ग्राम प्रधानों के चुनाव होंगे।
इन चुनावों से निपटने के बाद 2021 में क्षेत्र व जिला पंचायत प्रमुखों के चुनाव का समय आ जाएगा। इनमें आचार संहिता तो नहीं लगेगी, लेकिन प्रदेश चुनावी शोर से मुक्त भी नहीं रहेगा। जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनावों के बाद विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसकी प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। विधानसभा चुनाव निपटने के बाद फिर निकायों के चुनाव का शोर शुरू हो जाएगा। इसके चलते शहरी क्षेत्रों में आचार संहिता लग जाएगी।
श्रीधर अग्निहोत्री
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