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मोदी के शेरों को नहीं संभाल पाए CM अखिलेश, 'लायन सफारी' को बना दिया 'डियर सफारी'

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Published on: 6 Oct 2016 3:29 PM IST
मोदी के शेरों को नहीं संभाल पाए CM अखिलेश, लायन सफारी को बना दिया डियर सफारी
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vinod kapoor Vinod Kapur

लखनऊ: नरेंद्र मोदी के शेरों को यूपी संभाल नहीं सका। नतीजा ये हुआ कि सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट इटावा 'लायन सफारी' का नाम बदल कर 'डीयर सफारी' करना पड़ा। सीएम ने 6 अक्टूबर को इटावा में डीयर सफारी का उद्घाटन किया। इसमें ये कहा गया कि अब हिरण की छलांगे देखकर केवल सैलानियों के नहीं, बल्कि शेरों के दिल भी बहलेंगे।

इटावा में लायन सफारी पार्क को अब डियर सफारी का नाम दे दिया गया है। लायन सफारी में गुजरात से आए 10 शेर मर गए। इसके बाद सीएम ने अपने ड्रीम प्रोजेक्‍ट का नाम बदलकर 'डियर सफारी' कर दिया है। गुरुवार को सीएम ने इटावा में स्थित ' डियर सफारी' का उद्घाटन किया है।

गुजरात के शोरों को बांधने के लिए चाहिए 56 इंच का सीना

लोकसभा के 2014 के चुनाव में गुजरात से आए शेरों को लेकर गरमागरम राजनीति हुई थी। सीएम अखिलेश यादव ने कहा था कि हमने गुजरात के शेरों को इटावा में बांध दिया है, जबकि बीजेपी की ओर से पीएम प्रोजेक्ट हो चुके नरेंद्र मोदी का कहना था कि गुजरात के शेरों को बांधने के लिए 56 ईंच का सीना चाहिए।

गिर जंगलों को नहीं भूल पाए थे शेर

अब ये पुरानी बात हो गई जिसे भूल जाना ही बेहतर है। दरअसल गुजरात से आए शेरों को यूपी की आबोहवा रास नहीं आई। वे गिर के जंगलों का मोह छोड़ नहीं सके। बात जो भी हो लेकिन धीरे धीरे आए सभी शेर बीमार पड़ने लगे। गिर के जंगलों से शेरों का दो जोड़ा पहले भेजा गया था ताकि उनका वंश बढ़ सके।

सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट

दरअसल लायन सफारी अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इस पर उन्होंने ध्यान भी खूब दिया। शेर शेरनियों के नाम भी दिलकश रखे गए। किसी को कुबेर नाम दिया गया तो किसी को ग्रीष्मा। धीरे धीरे गिर के जंगलों से आए शेर बीमार पड़ने लगे। उनके इलाज के लिए अमेरीका से विशेषज्ञ डॉक्टर बुलाए गए। लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका। लायन सफारी में अब तक दस शेरों की मौत हो चुकी है।

लायन सफारी बना डियर सफारी

सीएम के फेवरेट शेर कुबेर के इलाज के लिए लंदन से डॉक्‍टर बुलाए गए। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। अखिलेश ने अपने ड्रीम प्रोजेकट लायन सफारी को जमीन पर तो उतार दिया लेकिन उसे बचा नहीं सके। बिना शेर के तो लायन सफारी हो नहीं सकता इसलिए उसका नाम बदल कर अब 'डियर सफारी' कर दिया गया है।

28 दिसंबर 2015 को गुजरात के गिर के जंगलों से लाई गई शेरनी तपस्या की मौत हुई तो इस प्रोजेकट का नाम बदलने पर विचार होने लगा। इसके अलावा पांच शावक भी लायन सफारी में अब तक अपनी जान गवां चुके हैं।

जनवरी 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नेशनल जू अथॉरिटी और नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी को दुधवा नेशनल पार्क और इटावा लायन सफारी में शेरों की मौत के मामले में नोटिस जारी किया था। साथ ही मामले की जांच रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया था।

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