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MODI की नाेेटबंदी के बाद UP में मजदूर रिक्‍शा-चालक भी बन गए करोड़पति!

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Published on: 26 Dec 2016 1:40 PM IST
MODI की नाेेटबंदी के बाद UP में मजदूर रिक्‍शा-चालक भी बन गए करोड़पति!
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लखनऊ: आम आदमी के भी अच्छे दिन आएंगे, 125 करोड़ भारतीयों का यह सपना कब पूरा होगा प​ता नहीं, लेकिन नोटबंदी के बाद कई रोडपति पूंजीपति जरूर बन गए हैं। पीएम मोदी की कालेधन पर नकेल के बाद यूपी में मजदूर,रिक्शाचालक करोड़पति बन गए हैं।

इतना ही नहीं एक कॉन्‍स्‍टेबल के बैंक खाते में अचनाक 100 करोड़ से ज्‍यादा रुपए आ गए। आइए हम आपको बताते हैंं कि नोटबंदी के बाद यूपी समेत पूरे भारत में कौन-कौन बना करोड़पति।

आगे की स्‍लाइड में पढ़ें नोटबंदी के बाद मजदूर कैसे बन गया करोड़पति...

मजदूर बना करोड़पति

-एटा जिले के छछैना गांव के रहने वाले अरविंद दिल्ली में तिरपाल सिलने का काम करते थे।

-अरविंद ने करीब एक साल पहले जन धन योजना के तहत ICICI बैंक में खाता खुलवाया था।

-अरविंद के पास पुराना एटीएम होने के बावजूद एक नया एटीएम उनके पते पर आया।

-उनका दावा है की उन्होंने नए एटीएम के लिए अप्लाई नहीं किया था।

-पुराने एटीएम से पैसे न निकलने पर वो बैंक में इसकी जानकारी लेने गए।

-बैंक में जांच के दौरान पता चला की उनके खाते में करीब 4 करोड़ रूपए जमा है।

-बैंक के मुताबिक़ उनके अकाउंट में 3 करोड़ 72 लाख 960 रुपये जमा हैं जिसकी जानकारी उनको भी नहीं थी।

-मेहनत मजदूरी कर के चन्द रूपए कमा कर घर चलाने वाले अरविंद के अकाउंट में इतने रूपए आने के बाद बैंक ने खाता फीज़ कर दिया है।

शक के दायरे में अरविंद

जबसे ये पूरा मामला सामने आया है तबसे मजदूर अरविंद लापता है। हालांकि उन्होंने बताया था कि उनको इसकी कोई जानकारी नहीं है । मगर इनसब के बावजूद वो अचानक से गायब है । नाही तो वो अपने एटा वाले घर में है और नाही दिल्लीन में है । ऐसे में आयकर विभाग को अरविंद पर भी शक है।

आयकर विभाग में मचा हड़कंप

एक आम मजदूर के खाते में इतनी बड़ी रकम जमा होने से बैंक और आयकर विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। इस वक़्त सबके दिमाग में एक ही सवाल है ‘आखिर ये पैसा आया कहा से’।सब इस बात का पता लगाने में जुट गए हैं की किसने इतनी बड़ी रकम अरविन्द के खाते में जमा करवाई।इस पूरे मामले को लेकर आयकर विभाग की टीम ने बैंक पहुंचकर छानबीन शुरू कर दी है।

आगे की स्‍लाइड में पढ़ें जब टैक्‍सी ड्राइवर के खाते में आए अरबों रुपए...

टैक्‍सी ड्राइवर के खाते में आए रुपए

तर्कशील चौकी निवासी एक टैक्सी ड्राइवर बलविंदर सिंह की आंखेंं तब खुली की खुली रह गईंं, जब उसके जन धन खाते में एक- दो हजार नहीं बल्कि 9800 खरब रूपए जमा हुए ।4 नवंबर को उसके मोबाइल में पैसा जमा होने का एसएमएस आया था। एसएमएस आने के बाद बैंक जाकर उसने बैंक मैनेजर को इस बात की सूचना दी। मैनेजर ने उसकी पासबुक जमा कर उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया। तीन दिन बाद उसे नई पासबुक दें दी। लेकिन यह सिलसिला यहीं नहीं थमा और फिर से उसके खाते में खरबों रूपए आ गए।

19 नवंबर को फिर से आए 10 खरब

-टैक्सी ड्राइवर के खाते में 19 नवंबर को फिर से 10 खरब रूपए आ गए।

-टैक्सी ड्राइवर ने इस बार पैसा जमा होने की सूचना बैंक को नहीं बल्कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दी।

-सोमवार को इनकम टैक्स की टीम ने बरनाला स्टेट बैंक ऑफ पटियाला जाकर छापेमारी की।

-रात के 11 बजे के बाद भी इनकम टैक्स के अधिकारियों की जांच जारी थी।

-इधर बैंक अधिकारी अपनी गलती का जवाब नहीं दे रहे है।

-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस मामले को गंभीरता से ले रहे है।

-इस पूरे मामले में सवाल यह बना है की आखिर एक टैक्सी ड्राइवर के पास इतने पैसे कहां से आए।

-उसे इस रकम का टैक्स जमा काना होगा या नहीं।

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महिला पुलिस कॉन्‍स्‍टेबल के खाते में अाए 100 करोड़

उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाली एक महिला के जनधन अकाउंट में करीब 100 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। जब उसे इस बात का पता चला तो परिवारवालों के होश उड़ गए। उन्होंने इसकी शिकायत बैंक में भी की, लेकिन किसी से कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद महिला के पति ने पीएमओ ऑफिस में मेल भेजकर अकाउंट में 100 करोड़ रुपए जमा किए जाने की बात बताई है।

क्या है पूरा मामला ?

-माधवपुरम सेक्टर-1 में रहने वाली शीतल ने साल 2015 में ब्रहमपुरी स्थित सहायक केंद्र के माध्यम से स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की शारदा रोड शाखा में जनधन खाता संख्या-350602278080 खाता खुलवाया था।

-बताया जा रहा है कि उन्होंने 18 दिसंबर को आईसीआईसीआई के एटीएम पर अपने खाते का बैलेंस चेक किया।

-एटीएम मशीन से निकली स्लिप में उन्होंने देखा कि उनके अकाउंट में 99 करोड़, 99 लाख 99 हजार 394 रुपए थे।

शिकायत करने पहुंचे बैंक

-एटीएम में बैलेंस चेक करने के बाद शीतल शिकायत करने के लिए बैंक में पहुंच गए।

-लेकिन वहां से मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को मेल पर इसकी जानकारी दी।

-इस मामले में एसबीआई के अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी गलती हो सकती है, जिसकी जांच की जा रही है।

-शीतल दिल्ली रोड स्थित मोहकमपुर में एक फैक्ट्री में ट्रॉफी और मोमेंटो पैकिंग का काम करती है।

-वहीं, पति जिलेदार सिंह परतापुर के कनोहर लाल इलेक्ट्रीकल्स में प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव है।

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सूरत में चायवाला बना करोड़पति

-सूरत में एक चाय-भुजिया बेचने वाले के घर और व्यावसायिक ठिकानों पर मारे गए छापे में ढाई सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता लगा है।

-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस चाय-भुजिया वाले के 16 बैंक लॉकरों का पता लगाया है, जिनमें 8 बैंक लॉकरों से 2.5 करोड़ के हीरे और सोने के जेवरात के अलावा 75 लाख कीमत की 175 किलों चांदी बरामद की गई है।

-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तलाशी के दौरान पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक के उसके एक लॉकर से एक करोड़ रुपए से ज्यादा के 2000 वाले नए नोट जब्त किए गए हैं।

-आईटी डिपार्टमेंट ने एचडीएफसी समेत किशोर के 27 बैंक खातों का पता लगाया है।

-जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के बाद वह 15 % कमीशन लेकर पुराने नोटों से नए नोट बदलने का धंधा कर रहा था।

भुजियावाले से बना फायनेंसर

-किशोर भुजियावाला इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की निगाहों में तब चढ़ा जब उसने नोटबंदी के बाद अपने एक अकाउंट में डेढ़ करोड़ रुपए जमा किए।

-जानकारी के अनुसार कभी सूरत के उधना में ठेले पर चाय और भुजिया बेचने वाले किशोर ने एक दशक पहले ब्याज पर पैसे देने का काम शुरू कर दिया था।

-आईटी डिपार्टमेंट को छापे में मिले दस्तावेजों के अनुसार उसने ब्याज से करीब 4 करोड़ रुपए उगाही की है।

-ब्याज पर पैसे देते देते अचानक वह ‘किशोर चाय-भुजियावाले’ से ‘केके फायनेंसर किशोर भुजियावाला’ बन गया।



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