TRENDING TAGS :
Agneepath Scheme: वेस्ट यूपी के युवाओं में नही है खुशी का माहौल, राजनैतिक दलों में मची श्रेय लेने की होड़
Agnipath Scheme: नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय सेना में 'अग्निपथ' नाम की योजना का एलान किया है। इस योजना को लेकर यूपी के युवाओं में कोई खुशी का माहौल नहीं दिख रहा है।
Agnipath Scheme: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय सेना में 'अग्निपथ' नाम की योजना का एलान किया, जिसके तहत छोटी अवधि के लिए नियुक्तियाँ की जाएंगी। इस योजना को लेकर वेस्ट यूपी के युवाओं में कहीं कोई खुशी का माहौल नही दिख रहा है।
वहीं, दूसरी तरफ सत्ताधारी दल के साथ ही विपक्षी दलों के पश्चिमी यूपी के नेताओं में इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है। मुजफ्फरनगर के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान के समर्थकों का कहना है कि उनके नेता ने इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाया था। यही नहीं बालियान द्वारा प्रधानमंत्री को इस बारे में पत्र भी लिखा था, जिसके बाद सरकार ने इस योजना का एलान किया है। संजीव बालियान का कहना है कि पश्चिमी यूपी से सर्वाधिक युवा सेना में जाने के लिए तैयार बैठे हैं।यकीनन, सरकार ने योजना का एलान कर युवाओं की मांग पूरी की है।
युवाओं में उत्साह और खुशी नही
वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के समर्थकों का कहना है कि पिछले कई महीनों से जयंत सिंह फौज में बंद पड़ी भर्ती का मुद्दा जोर-शोर से उठा रहे थे। कमोवेश कुछ ऐसा ही कांग्रेस, बसपा और सपा के अलावा भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेताओं की तरफ से दावा किया जा रहा है। हालांकि जिस योजना का श्रेय लेने का दावा सत्ताधारी दल और विपक्षी नेताओं द्वारा किया जा रहा है उससे युवाओं में उत्साह और खुशी नही दिख रही है।
खासकर सेना भर्ती के लिए दो साल से भर्ती का इंतजार कर रहे उन युवाओं को तो यह योजना बिल्कुल भी पसंद नहीं है जो आर्मी में भर्ती का मेडिकल और फिजिकल क्लियर कर चुके हैं, या कई पदों पर एग्जाम दे चुके हैं लेकिन अभी रिजल्ट नहीं आया। ऐसे युवाओं का कहना है कि दो केटेगरी में भर्ती होनी चाहिए। एक जो लोग एग्जाम दे चुके और सलेक्ट भी हो चुके हैं उनको रिजल्ट घोषित कर चयन प्रक्रिया पूरी की जाए। उनको तैनाती दी जाए और दूसरे ऐसे युवाओं को ले लिए नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया नई स्कीम के नियमों के तहत की जाए।
'दो साल से रिजल्ट घोषित नहीं हुआ'
नौकरी के लिए प्रतीक्षारत ऐसे ही एक युवक ने नाम ना छापने छापने की शर्त पर कहा दस लाख नौकरी देने का कदम स्वागत योग्य है लेकिन अभी तो हमारी सेना में भर्ती का रिजल्ट ही घोषित नहीं किया है। पहले जो लोग नौकरी हासिल करने के पूरे मानक अब तक पूरे कर चुके हैं, उनको मौका देना चाहिए। ऐसे ही एक अन्य युवक ने कहा,सरकार का कदम स्वागत योग्य है,लेकिन सेना में भर्ती के लिए चयन हुए मेरे कई साथियों का दो साल हो गए, रिजल्ट घोषित नहीं हुआ। अब उनको नए सिरे से नई स्कीम में चार साल के लिए रखा जाएगा। यह गलत है। सेना में भर्ती की मंशा पैसा कमाना ही नहीं देश सेवा भी है। युवाओं को अन्य नौकरियों की तरह सरकारी नीति के मुताबिक नौकरी मिलनी चाहिए।