Agra Metro: लॉन्चिंग शाफ्ट में पहुंची पहली टीबीएम की तीनों शील्ड, जल्द शुरू होगा टनल निर्माण का काम

Agra Metro: यूपीएमआरसी द्वारा प्रथम टीबीएम की तीनों शील्ड सफलतापूर्वक लॉन्चिंग शाफ्ट में पहुंचा दी गई हैं। यूपी मेट्रो द्वारा नए वर्ष में टनल निर्माण कार्य का शुभारंभ किया जाएगा।

Rahul Singh
Published on: 29 Dec 2022 2:03 PM GMT
Agra News In  Hindi
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टीबीएम मशीन। 

Agra Metro: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा टनल निर्माण हेतु रामलीला ग्राउंड स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट तैयार होने के बाद 95 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन को असेंबल करने का काम किया जा रहा है। यूपीएमआरसी द्वारा प्रथम टीबीएम की तीनों शील्ड सफलतापूर्वक लॉन्चिंग शाफ्ट में पहुंचा दी गई हैं। यूपी मेट्रो द्वारा नए वर्ष में टनल निर्माण कार्य का शुभारंभ किया जाएगा।

फ्रंट शील्ड एवं मिड शील्ड को भी लॉन्चिंग शाफ्ट में पहुंचा सफलतापूर्वक

यूपी मेट्रो द्वारा रामलीला मैदान स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट में पहली टीबीएम की टेल शील्ड एवं बैकअप गैंट्री सहित विभिन्न पुर्जे लॉन्चिंग शाफ्ट में असेंबल किए जा चुके हैं। बुधवार रात को फ्रंट शील्ड एवं मिड शील्ड को भी लॉन्चिंग शाफ्ट में सफलतापूर्वक पहुंचा दिया गया है। जल्द ही कटरहैड को फ्रंट शील्ड के अग्रिम भाग में जोड़कर पूरी टीबीएम को असेंबल किया जाएगा। इसके बाद टीबीएम को भी लॉन्चिंग शाफ्ट में उतारा जाएगा।


दो समानांतर सुरंगों का किया जाना है निर्माण

बता दें कि यूपी मेट्रो द्वारा आगरा मेट्रो के भूमिगत भाग में अप एवं डाउन ट्रैक हेतु दो समानांतर सुरंगों का निर्माण किया जाना है। फिलहाल, प्रायोरिटी कॉरिडोर के भूमिगत भाग में टनल निर्माण के लिए रामलीला ग्राउंड स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट में पहली टीबीएम को असेंबल किया जा रहा है। जल्द ही टनल निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके बाद इसी लॉन्चिंग शाफ्ट से दूसरी टनल बोरिंग मशीन को भी लॉन्च किया जाएगा।


ऐसे होता है मेट्रो टनल का निर्माण

टनल निर्माण की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में पूरी की जाती है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले टीबीम की लॉन्चिंग हेतु एक लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण किया जाता है। इस बाद क्रेन की मदद से टनल बोरिंग मशीन के विभिन्न भागों को लॉन्चिंग शाफ्ट में उतार कर उन्हें असेम्बल किया जाता है। असेंबल होने के बाद टीबीएम के जरिए सुरंग निर्माण का काम शुरू किया जाता है। इस दौरान टीबीएम के पिछले हिस्से में स्थित सेगमेंट इरेक्टर की मदद से कास्टिंग यार्ड में प्रीकास्ट तकनीक से निर्मित टनल रिंग सेगमेंट्स को लगाया जाता है। एक टीबीएम दिन में औसतन 10 मीटर टनल का निर्माण करती है।


टनल बोरिंग मशीन विभिन्न हिस्सों में विभाजित होती है। टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्रंट शील्ड में कटिंग हैड होता है, जिसकी मदद टीबीएम मिट्टी को काटते हुए सुरंग की खुदाई की करती है। कटिंग हैड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यावस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है। इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती और आसानी मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिए में भेज दिया जाता है।


ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का बनना है मेट्रो नेटवर्क

इसके साथ ही मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है। टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम द्वारा ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में ग्राउटिंग स़ोल्यूशन भर दिया जाता है, जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीट मजबूत जोड़ स्थापित कर टनल को मजबूती प्रदान करता है। टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढ़ने में मदद करते हैं। गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे है।


पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

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