Agra News आगरा दिवस मनाए जाने को लेकर कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, इन तिथियों पर मनाए जाने पर किया विचार

Agra: आगरा दिवस मनाए जाने को लेकर आज सोमवार को कैंप कार्यालय कमला नगर पर कमेटी ने आगरा महापौर नवीन जैन और नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

Rahul Singh
Published on: 1 Aug 2022 5:01 PM GMT
Agra News In Hindi
X

आगरा दिवस मनाए जाने को लेकर कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट। (Social Media)

Agra: आगरा दिवस (Agra Day) कब मनाया जाए इसे लेकर महापौर नवीन जैन (Mayor Naveen Jain) ने 20 जून को एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी को यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वह आगरा शहर के प्राचीनतम इतिहास और तथ्यों पर विचार करते हुए आगरा दिवस मनाए जाने के लिए एक निश्चित तिथि तय करे। इस संबंध में कमेटी में अपनी पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली है और आज सोमवार को कैंप कार्यालय कमला नगर पर कमेटी ने आगरा महापौर नवीन जैन (Mayor Naveen Jain) और नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे (Municipal Commissioner Nikhil T Funde) को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

आगरा दिवस मनाये जाने के लिए गठित समिति का प्रस्ताव

आगरा का स्थापना दिवस (Agra Foundation Day) आगरा दिवस मनाये जाने सम्बंधी तिथि निर्धारण हेतु 20 जून 2022 को महापौर आगरा द्वारा गठित इस समिति द्वारा अपनी विभिन्न बैठकों, परस्पर चर्चाओं एवं तथ्यात्मक अन्वेषण के द्वारा निष्कर्ष प्राप्त करने का प्रयास किया गया। समिति ने पाया कि अत्यंत प्राचीन काल से आगरा क्रमशः विकसित होता रहा है। यह किसी एक दिन में स्थापित नगर नहीं है। आगरा के इतिहास में पाषाण काल वैदिक काल रामायण और महाभारत काल की घटनाओं से संबंधित विभिन्न स्थल आगरा में है जो तत्कालीन आगरा की जीवंत बसावट के प्रमाण है। आगरा के प्राचीन ऐतिहासिक गौरव को ध्यान में रखते हुए आगरा के प्राचीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास की विभिन्न ऐतिहासिक व पौराणिक घटनाओं / तिथियों पर चर्चा की गई। इन चर्चाओं के बाद फलस्वरूप यह निष्कर्ष पाया गया कि आगरा की स्थापना दिवस की अपेक्षा किसी महत्वपूर्ण दिवस को "आगरा दिवस के रूप में मनाया जाए।

बैठकों में निम्न ऐतिहासिक तिथियों पर आगरा दिवस उत्सव मनाए जाने पर विचार

1. प्राचीन काल से ही आगरा विभिन्न महान विभूतियों की कर्मस्थली रहा है। आगरा की इन महान विभूतियों में सबसे पहला नाम "महर्षि अंगिरा का है. जो लगभग 1000 ईसवी पूर्व में वैदिक कालीन ऋषि थे। इतिहासकारों के एक बड़े वर्ग में ऐसी मान्यता है एवं यह तथ्य जनश्रुति के रूप में भी प्रचलित है कि, इन्ही महर्षि अंगिरा के नाम से इस शहर का नाम "आगरा हुआ। वैदिक ऋचाओं के दृष्टा महर्षि अंगिरा का आश्रम यमुना के तट पर था। छंदोग्य उपनिषद में उल्लेख है कि इनके पुत्र ऋषि घोर अंगिरस से ज्ञान प्राप्त करने, इसी आश्रम में श्री कृष्ण का आगमन भी हुआ था।

आगरा के गौरवपूर्ण इतिहास की प्राचीनता को देखते हुए, इसके सबसे पहले महापुरुष महर्षि अंगिरा (great man Maharishi Angira) की जयंती के अवसर पर आगरा दिवस उत्सव मनाया जाना न केवल आगरा के विभिन्न महान विभूतियों की लंबी श्रंखला के प्रथम व्यक्तित्व को एक श्रेष्ठ श्रद्धांजलि होगा, अपितु आगरा के अत्यंत प्राचीन ऐतिहासिक गौरव से अनभिज्ञ आम जनता को इस समृद्ध इतिहास से परिचित भी कराया जा सकेगा। महर्षि अंगिरा की जयंती प्रतिवर्ष ऋषि पंचमी के अवसर पर मनाई जाती है। ऋषि पंचमी भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष पंचमी के दिन होती है। इस वर्ष यह तिथि 1 सितंबर 2022 को होगी।

2. आगरा शिव मंदिरों की नगरी भी है। आगरा के शिव मंदिरों में नगर के मध्य स्थित श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर (Shri Mankameshwar Mahadev Temple) अत्यंत प्राचीन और पूरे शहर की आस्था का केंद्र है। श्री मनकामेश्वर महादेव को आगरा में "नगर देव" भी कहा जाता है। मान्यता है कि द्वापर युग में श्री कृष्ण के जन्म के बाद भगवान शिव, श्री कृष्ण के बाल रूप के दर्शन हेतु गोकुल में जाने से पूर्व इसी स्थान पर विश्राम के लिए रुके थे और अपनी दर्शन की मनोकामना पूर्ण कराने हेतु श्री कृष्ण से प्रार्थना की थी। तत्पश्चात अगले दिन एक जोगी के रूप में गोकुल में गए, लेकिन उनके भयंकर स्वरूप को देखकर माता यशोदा ने दर्शन कराने से इंकार कर दिया। भगवान शिव नंद भवन के सामने ही वृक्ष के नीचे बैठ गए। रात्रि के समय बाल श्री कृष्ण बहुत अधिक रोने लगे। सभी के मन में विचार आया कि शायद उन जोगी बाबा के दर्शन न कराने का ही यह परिणाम है। अतः अगले दिन प्रातः काल अमावस्या के दिन जोगी रूप में भगवान शिव को श्री कृष्ण के दर्शन कराए गए। तभी से पूरे ब्रज क्षेत्र में भाद्रपद अमावस्या को जोगी अमावस्या" के रूप में मनाया जाता है।

जोगी अमावस्या से 2 दिन पूर्व अर्थात "भाद्रपद कृष्ण पक्ष त्रयोदशी की तिथि पर भगवान शिव, का श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर के स्थान पर आगमन हुआ था। अतः प्राचीन आगरा के सांस्कृतिक इतिहास की यह एक महत्वपूर्ण तिथि है। इस तिथि पर "आगरा दिवस का आयोजन करके आगरा के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को जन-जन में लोकप्रिय बनाया जा सकता है। इस वर्ष यह तिथि 24 अगस्त 2022 को होगी।

3. शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का पर्व भारत की सांस्कृतिक परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। पूरे देश में यह पर्व प्रेम, उल्लास व उत्तम स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन ब्रज क्षेत्र में महारास रचाया था। आगरा में सफेद संगमरमर से बना मुगलकालीन स्मारक ताजमहल, इस तिथि पर धवल चंद्रमा की चांदनी में अत्यंत नयनाभिराम होता है। पूर्व में इस तिथि पर ताजमहल में रात्रि दर्शन की व्यवस्था के साथ ही आसपास के क्षेत्र में एक मेले जैसा माहौल होता था। किंतु वर्ष 1984 में सुरक्षा कारणों से ताजमहल का रात्रि दर्शन बंद हो गया था। नवंबर 2004 से कुछ प्रतिबंधों के साथ शरद पूर्णिमा के अवसर पर ताजमहल का रात्रि दर्शन फिर से प्रारंभ हो गया है। किंतु अब पहले जैसी रौनक नहीं रही है।

यद्यपि शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का आगरा के इतिहास से कोई सीधा संबंध नहीं है, तथापि इस तिथि की भारतीय समाज में सांस्कृतिक महत्ता एवं आगरा के पर्यटन की दृष्टि से इसके महत्व को देखते हुए समिति के अधिकांश सदस्यों का मत रहा की शरद पूर्णिमा की तिथि पर आगरा दिवस का उत्सव मनाया जाए। अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 9 अक्टूबर 2022 को होगी।

4. ब्रिटिश शासन में आगरा में नगर पालिका की सर्वप्रथम स्थापना 7 अक्टूबर 1863 को हुई थी। अतः इस तिथि पर भी आगरा दिवस मनाए जाने हेतु विचार किया गया, किन्तु आगरा में बसावट के अस्तित्व के प्रमाण ब्रिटिश काल से पूर्व मुगल काल, सल्तनत काल एवं प्राचीन भारत में महाभारत काल और वैदिक काल तक के प्राप्त होते हैं। अतः आगरा के इतिहास की प्राचीनता को देखते हुए इस तिथि के लिए सहमति नहीं बन सकी।

अतः समिति का प्रस्ताव है कि उपरोक्त क्रम संख्या 1. 2 व 3 पर उल्लेखित आगरा के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व को दर्शाने वाली तिथियों में से किसी एक दिवस पर "आगरा दिवस का उत्सव मनाया जा सकता है। समिति यह भी प्रस्तावित करती है कि प्रतिवर्ष आगरा दिवस के उत्सव" का एक मुख्य कार्यक्रम करते हुए, यह उत्सव व्यापक स्तर पर पूरे शहर में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक स्थलों और आगरा के प्रत्येक नागरिक को इस उत्सव से भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए शहर भर में मनाया जाना चाहिए।

समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर महापौर नवीन जैन ने बताया कि समिति ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें आगरा दिवस मनाए जाने के लिए 4 तिथियां निर्धारित की गई हैं। कमेटी द्वारा सौंपी गई इस रिपोर्ट को अब हम आगरा शहर की जनता के समक्ष रखने जा रहे हैं। महापौर ने कहा कि मेरी आगरा शहर की जनता से अपील है कि वह इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद जो भी सुझाव देना चाहते हैं या आगरा दिवस मनाए जाने को लेकर कोई ऐतिहासिक तथ्य प्रस्तुत करना चाहते हैं तो वह 4 अगस्त 2022 शाम 5 बजे तक नगर निगम, कैंप कार्यालय कमला नगर, क्षेत्रीय पार्षदों के द्वारा हमें अवगत करा सकते हैं। लगभग 7 दिन तक लोगों के सुझाव आने के बाद कमेटी एक बार फिर इस पूरी विस्तृत रिपोर्ट को लेकर समीक्षा करेगी। उसके बाद आगरा दिवस मनाने के लिए 1 दिन की तिथि को निश्चित किया जाएगा।

नगर आयुक्त निखिल टीकाराम ने बताया कि महापौर नवीन जैन ने आगरा दिवस मनाए जाने को लेकर कमेटी का गठन किया था। इसके बाद शासन स्तर से भी एक पत्र हमें मिला है जिसमें आगरा दिवस मनाए जाने के लिए एक तिथि निश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। महापौर जी के निर्देशन में हम पहले से ही इस पर काम शुरू कर चुके हैं। अब इस रिपोर्ट को जनता के समक्ष रखा जा रहा है जो भी आपत्तियां और सुझाव आएंगे। उन पर विचार करने के बाद जल्द ही आगरा दिवस मनाए जाने की स्थिति निश्चित कर दी जाएगी। लोग अपने सुझाव नगर निगम के टोल फ्री नंबर 121 या amcagra1@gmail.com पर कर सकते हैं।

ये रहे मौजूद

रिपोर्ट सौंपने के दौरान समिति में प्रो. सुगम आनन्द, डॉ० आर. के. दीक्षित, डॉ० तरुण शर्मा (सचिव), एस.पी. सिंह, राजीव सक्सेना, अमित कुलश्रेष्ठ, रवि विहारी माथुर, शिरोमणि सिंह, प्रकाश केशवानी आदि मौजूद रहे।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story