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UP: पूर्व फौजी की पत्नी को जिंदा जलाया, हुई मौत, इन पर लगा आरोप
भरत खरे और उनके घर आए उनके समर्थकों, रिश्तेदारों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। वारदात के बाद भरत खरे अपने परिवार के साथ कोठी छोड़कर फरार है।
आगरा : किसी भी घर में आस-पड़ोस में झगड़े होना आम बात है, लेकिन कभी कभी ये झगडें काल बन जाते हैं , कुछ ऐसा ही आगरा में हुआ । घर में बच्चों की मामूली लड़ाई गंभीर रूप भी धारण कर ली । कि मां की जान चली गई। सेवानिवृत्त फौजी की पत्नी बच्चों के झगड़े में परिवार पर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम में मुकदमा दर्ज होने से दहशत में थीं।
ये मामला ताजगंज इलाके का है यहां पूर्व फौजी की पत्नी को जिंदा जला दिया गया । यहां पर झगड़े की शुरुआत बच्चों की लड़ाई से हुई थी, लेकिन ये इतना बढ़ा कि एक पक्ष के दबंगों ने दूसरे पक्ष की महिला को जिंदा जला दिया। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। घटना रविवार शाम की है।
आगरा की पुष्पांजलि इको सिटी कॉलोनी में पूर्व फौजी अनिल कुमार की पत्नी घर के सामने खड़ी थी। तभी कुछ लोग आए और उनके ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी और भाग निकले। महिला की चीख-पुकार सुनकर उनके परिवारवाले और बच्चे बाहर पहुंचे। पड़ोसियों की मदद से अनिल कुमार ने महिला को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।
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पूरा मामला
मूलरूप से बुलंदशहर निवासी अनिल कुमार राजावत पांच साल से नगला कली स्थित पुष्पांजलि ईको सिटी कॉलोनी में पत्नी और बच्चों के साथ रह रहे थे। अनिल के साले शिवराम सिंह ने बताया कि संगीता के जुड़वां बेटे 8 साल के आयुष और पीयूष हैं।
नौ अक्टूबर को पीयूष और कॉलोनी के ही भरत खरे का 10 साल का बेटा बिट्टू खेल रहे थे। पीयूष और बिट्टू में झगड़ा हो गया। पीयूष ने पत्थर उठाकर मार दिया। बिट्टू के चोट लग गई। जिसके बाद बिट्टू की मां सुनीता और संगीता में कहासुनी हो गई। बाद में भरत खरे ने थाना ताजगंज में एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था।
बातों बातों में विवाद
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि चार पांच दिन पहले पीड़ित अनिल कुमार और कॉलोनी में ही रहने वाले भारत खरे के बेटों के बीच बातों बातों में विवाद हो गया था। विवाद के बाद भरत खरे ने पूर्व फौजी अनिल कुमार के खिलाफ एससी एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया था।
इस मामले में समझौते के लिए भरत खरे के घर मे पंचायत रखी गई थी। पंचायत में भरत खरे के एक दर्जन से ज्यादा रिश्तेदार मौजूद थे। समझौता करने के एवज में भरत खरे ने अनिल कुमार से 10 लाख रुपये मांगे। पूर्व फौजी अनिल कुमार ने इतनी बड़ी मांग पर असमर्थता जताई। इस वजह से पंचायत में समझौता नहीं हो सका।
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वारदात को अंजाम
इस बीच आरोप है कि भरत खरे और उनके घर आए उनके समर्थकों, रिश्तेदारों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। वारदात के बाद भरत खरे अपने परिवार के साथ कोठी छोड़कर फरार है। मामले की जानकारी होने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कॉलोनी में रहने वाले परिवारों के बयान दर्ज किए हैं । हर पहलू से मामले की जांच की जा रही है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।