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Agra News : नगर निगम से अप्रैल के महीने में जारी हुए 1700 मृत्यु प्रमाण पत्र, जानें यह वजह

Agra News :आगरा के लोगों पर अप्रैल- मई का महीना बड़ा भारी रहा है। इस शहर में मौत का आंकड़ा इन महीने तेजी से बढ़ा था।

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Newstrack NetworkPublished By Shraddha
Published on: 19 Jun 2021 7:36 PM IST (Updated on: 19 Jun 2021 8:46 PM IST)
नगर निगम से अप्रैल के महीने में जारी हुए 1700 मृत्यु प्रमाण पत्र
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आगरा में मृत्यु आंकड़ा (कॉन्सेप्ट फोटो -सोशल मीडिया)

Agra News : आगरा के लोगों पर अप्रैल और मई का महीना बड़ा भारी रहा है। आगरा शहर में मौत का आंकड़ा अप्रैल और मई के महीने में तेजी से बढ़ा था। नगर निगम के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल महीने में 1700 लोगों के मृत्यु के प्रमाण पत्र नगर निगम से जारी किए गए हैं । जबकि मई के महीने में यह संख्या 3590 तक पहुंच गई है। गत वर्ष 2020 की तुलना में ये आंकड़े बहुत ज्यादा है । और माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से शहर में मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा था । यह आंकड़े नगर निगम के हैं ।

इसके अलावा बात अगर आगरा के सबसे बड़े श्मशान घाट ताजगंज मोक्ष धाम की की जाए तो अप्रैल के महीने में ताजगंज मोक्ष धाम में 1072 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। जबकि मई के महीने में साढ़े 700 लोगों का अंतिम संस्कार ताजगंज मोक्ष धाम में किया गया। श्मशान घाट सुधार समिति के प्रबंधक बताते हैं कि अप्रैल और मई के महीने में तो श्मशान घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग के हालात बन गए थे। शमशान तो शमशान कब्रिस्तान के हालात भी अप्रैल और मई के महीने में बेहद खराब थे ।

इस्लामिया लोकल एजेंसी के चेयरमैन हाजी असलम कुरैशी ने बताया कि अप्रैल और मई के महीने में करीब 2000 लोगों के शव कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किए गए हैं । इसके अलावा बात अगर आगरा में सबसे बड़े सामाजिक संगठन के रूप में काम कर रही छेत्र बजाजा कमेटी की की जाए तो क्षेत्र बजाजा कमेटी के कार्यालय से अप्रैल 2020 में 831 लोगों ने कफन का सामान खरीदा था । जबकि अप्रैल 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 2677 हो गया । इसी तरह मई 2020 में 1075 लोगों ने क्षेत्र बजाजा कमेटी के कार्यालयों से कफन का सामान खरीदा था । लेकिन मई 2021 में ये आंकड़ा बढ़ कर 3431 हो गया ।

आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल और मई के महीने में हजारों लोगों की अलग-अलग बीमारियों से मौत हुई है । कोरोना संक्रमण काल में अप्रैल और मई का महीना सबसे ज्यादा मौतों के लिए जा ना जा रहा है । आगरा में हालात कितने भयानक थे । अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि विद्युत शवदाह गृह की चारों भट्टियां शवों के अंतिम संस्कार के ज्यादा लोड की वजह से खराब हो गई थी । और अब तक सभी भट्टियां पूरी तरह सही नहीं हो पाई है । यह तो सरकारी आंकड़े हैं । इसके अलावा गांव देहात में भी लोगों की मौत हुई है । और वह आंकड़े अभी सामने आना बाकी है ।



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