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चंबल नदी में बढ़ा घड़ियालों का कुनबा, 15 जून तक पूरी हो जाएगी हैचिंग
आगरा की चंबल नदी में नन्हें घड़ियालों की चहल कदमी शुरू हो चुकी है।
Agra News: आगरा की चंबल नदी में नन्हें घड़ियालों की चहल कदमी शुरू हो चुकी है। चंबल के किनारे छोटे नन्हें घड़ियाल और अन्य जलीय जीव जंतु तेजी से पनप रहे हैं। वन विभाग ने मार्च के महीने में लोहे की जाली लगाकर चंबल नदी में 1200 से ज्यादा घड़ीयालों के अंडों की नेस्टिंग का काम किया गया था। और अब घड़ियालों की हैचिंग शुरू हो गई है। मई के महीने से हैचिंग का काम शुरू किया गया है।
15 जून तक हैचिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा। राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी बाह रेंज के ऑफिसर इंचार्ज ने बताया कि 15 जून को हैचिंग पूरी होने के बाद नवजात घड़ियाली बच्चों की गिनती की जाएगी। इसके बाद सही संख्या का आकलन हो पाएगा। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से जिन स्थानों पर नेस्टिंग, हैचिंग की गई है। उन स्थानों पर लोहे की जाली लगवाने का काम पूरा कर लिया गया है। जलीय जंतुओं की रखवाली में पूरी सुरक्षा और एतिहात बरती जा रही है।
उन्होंने आगे बताया कि नेस्टिंग के समय वन विभाग ने जीपीएस से लोकेशन ट्रेस कर जाली लगवा दी थी, जिससे कोई जानवर आदि अंडों को नुकसान न पहुंचा दें। इंचार्ज ने बताया कि बाह रेंज में रेहा से उदयपुर खुर्द तक करीब डेढ़ दर्जन स्थलों पर नेस्टिंग हुई थी। अनुमान है हैचिंग में 1225 नन्हें घडिय़ालों का जन्म हुआ है।