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Agra News: मॉक ड्रिल के प्रयोग से अस्पताल में हुई मौतोें पर आखिरी जांच रिपोर्ट आने पर संचालकों पर गिरेगी गाज
Agra News: हॉस्पिटल में मॉक ड्रिल के प्रयोग से भर्ती 22 कोरोना मरीजों की मौत के मामले में शुक्रवार को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भरोसा जताया कि इस मामले की आखिरी जांच आने पर हॉस्पिटल संचालकों और संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Agra News: आगरा के पारस हॉस्पिटल में भर्ती 22 कोरोना मरीजों की मौत के बाद शुक्रवार को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भरोसा जताया कि इस मामले की आखिरी जांच आने पर हॉस्पिटल संचालकों और संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि पारस हॉस्पिटल में अप्रैल माह के में 96 कोरोना मरीज भर्ती थे। उस समय समूचे देश में आगरा समेत ऑक्सीजन की भारी किल्लत चल रही थी। तमाम अस्पतालों संचालकों ने अपने अस्पतालों के बाहर ऑक्सीजन की कमी की सूचना चस्पा कर दी थी। उस समय अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन और तीमारदार ऑक्सीजन के लिए दर दर की ठोकर खा रहे थे।
मरीज मौत के आगोश में
इस बीच पारस पारस हॉस्पिटल के प्रबंधन ने मॉक ड्रिल के नाम पर पांच मिनट के लिए मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी थी। ऑक्सीजन की सप्लाई अवरुद्ध होने पर 22 कोरोना मरीज मौत के आगोश में समा गए थे। इस मामले की जांच जिला प्रशासन ने की थी।
जांच में जिला प्रशासन ने पारस हॉस्पिटल को बेदाग करार देते हुए शासन को भेजी रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी थी। इससे मृतक मरीजों के परिजनों में काफी आक्रोश नजर आया। शुक्रवार को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए बनाने के दौरान बताया कि पारस हॉस्पिटल कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
इस मामले में अभी आखिरी रिपोर्ट आनी बाकी है अंतिम रिपोर्ट में अगर हॉस्पिटल दोषी पाया जाता है तो उसके संचालकों और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
हर्ष फायरिंग में हुई युवक की मौत, परिजनों ने लगाया गोली मारकर हत्या का आरोप
शासन के तमाम कोशिशो के बाद भी पुलिस हर्ष फायरिंग को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। यही वजह है कि शादी समारोह जैसे खुशी के मौके में शामिल होने वाले लोगों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। ऐसी ही एक घटना थाना खंदौली क्षेत्र के वृंदावन गार्डन में हुई हर्ष फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को जेल भेज दिया है।
इस मामले में हुई प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सत्य जीत गुप्ता ने बताया कि थाना खंदौली क्षेत्र क्षेत्र स्थित वृंदावन गार्डन में 30 जून को एक शादी-समारोह का आयोजन किया गया था। समारोह में अन्य अतिथियों की तरह गोविंद पुत्र विजेंद्र अपने पुत्र धर्मेंद्र के साथ मौजूद थे।
समारोह में फायरिंग का आरोपी विवेक और ज्ञानेन्द्र सिंह फौजी भी शामिल था। आरोप है कि धर्मेंद्र से आरोपी विवेक का पहले से ही विवाद चला आ रहा था। ज्ञानेंद्र ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल विवेक को दे दी ।
विवेक द्वारा चलाई पिस्टल की गोली धर्मेंद्र को जा लगी, और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक के पिता का कहना है कि कुछ दिन पहले उनके पुत्र धर्मेंद्र से विवेक का विवाद चला रहा था। इसी को लेकर विवेक ने उनके पुत्र को गोली मारी है। फिलहाल पुलिस ने विवेक और ज्ञानेंद्र को पकड़ कर जेल भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच के अलावा पिस्टल के लाइसेंस की जांच भी कर रही है।