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Agra News:100 ने किया देहदान, 2500 से ज्यादा लोगों ने किया अंगदान, जी आईसी ग्राउंड में उमड़ा अंगदानियों का जन सैलाब
Agra News: केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गरीब का ऑर्गन इंप्लांट होता है तो उसे उम्र भर दवाइयां लेनी होती है। सरकार ने तय किया है कि उन्हें 10 हजार रुपये प्रति माह आर्थिक सहयोग किया जाएगा। उनके नियमित चेकअप के लिये भी व्यवस्था की जाएगी।
Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में 100 लोगों ने अपनी देह दान कर दी है। 2500 से ज्यादा लोगों ने अपने शरीर के सभी अंग दान कर दिए हैं। अंग दान करने के लिए जीआईसी ग्राउंड में अंगदानियों का जन सैलाब नजर आया। केंद्रीय मंत्री के आह्वान पर आगरा के अलावा मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस के लोग भी अंग दान करने के लिए जीआईसी ग्राउंड में आयोजित अंग दान महाशिविर में शामिल होने के लिए पहुँचे। महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर अंगदान करने में हिस्सा लिया है। मेडिकल स्टूडेंट भी अपने अंग दान करने के लिए शिविर में पहुँचे। महाशिविर का उद्घाटन केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्री मनसुख मंडविया ने किया। कार्यक्रम में शहर की प्रमुख समाजिक संस्थाओं ने भी हिस्सा लिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने किया अंगदान
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी और दोनों बच्चों के साथ शरीर के आठ अंग दान कर दिए हैं। उनके मरने के बाद उनके अंग किसी और को जीवनदान देने के काम आएंगे। केन्द्रीय राज्य मंत्री के साथ उनके प्रतिनिधि दिगंबर सिंह धाकरे के परिवार के 36 लोगों ने अपने अंग दान कर दिए हैं। दिगंबर सिंह धाकरे ने बताया कि उनके 90 वर्षीय पिता के अलावा सभी बालिग सदस्यों ने अपने अंग दान कर दिए हैं। अंगदान कार्यक्रम में बहुतायत संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और अपने अंग दान कर दिये। जीआईसी ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में करीब 5 हजार लोगों को अंगदान करने की शपथ दिलवाई गई।
मरने के बाद भी दुनिया देखने की चाहत
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गरीब का ऑर्गन इंप्लांट होता है तो उसे उम्र भर दवाइयां लेनी होती है। सरकार ने तय किया है कि उन्हें 10 हजार रुपये प्रति माह आर्थिक सहयोग किया जाएगा। उनके नियमित चेकअप के लिये भी व्यवस्था की जाएगी। आगरा में यह कार्यक्रम करके, प्रधानमंत्री मोदी जी के जन्मदिन के पूर्व अंगदान के लिए जो संदेश दिया है यह पूरे देश को प्रेरित करेगा। हम हमारी मृत्यु के बाद भी दुनिया को देखना चाहते हैं तो हम आँखों का दान कर दें। हम दुनिया में नहीं रहेंगे लेकिन दूसरा व्यक्ति हमारी आँखों से दुनिया को देख सकेगा। ऑर्गन डोनेशन से बढ़कर ऐसा कोई पुण्य का काम नहीं हो सकता जो दूसरे को जीवन दे सकता है।