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Agra News: किसानों ने विकास प्राधिकरण की टीम को खदेड़ा, जमीन पर बोर्ड लगाने गई थी एडीए की टीम

Agra News: आगरा में किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण उनकी जमीन पर कौड़ियों के भाव में कब्जा करना चाहता है जबकि उनकी जमीनों की कीमत करोड़ों में है।

Arpana Singh
Published on: 19 Oct 2023 6:51 PM GMT
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किसानों ने विकास प्राधिकरण की टीम को खदेड़ा, जमीन पर बोर्ड लगाने गई थी एडीए की टीम: Video- Newstrack

Agra News: एत्मादपुर के मदरा और बुढ़ाना गांव में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने पहुँची आगरा विकास प्राधिकरण की टीम को किसानों के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा। किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण उनकी जमीन पर कौड़ियों के भाव में कब्जा करना चाहता है जबकि उनकी जमीनों की कीमत करोड़ों में है। आगरा विकास प्राधिकरण की सचिव गरिमा सिंह भारी दलबल के साथ अधिग्रहण जमीन पर बोर्ड लगाने पहुँची थी। किसानों के आक्रोश और विरोध के कारण वापस लौट आईं। किसानों ने एडीए की टीम को जमीन पर आगरा विकास प्राधिकरण का बोर्ड़ नहीं लगाने दिया।

किसानों की जमीन का उचित मुआवजा मिलना चाहिए- मुख्यमंत्री

किसान नेता सोमबीर यादव, मुकेश पाठक, राना बाबू रघुवंशी पहुंच गए और उन्होंने एडीए सचिव से सवाल जबाब किये। किसानों के सवाल सुनकर सचिव चुप हो गईं। किसान नेता सोमबीर यादव से एडीए सचिव गरिमा सिंह को खूब खरी खोटी सुनाई। किसान नेताओं का कहना है कि हम अपनी जमीन को कौड़ियों के भाव एडीए को नहीं देंगे। इसके लिए चाहे हमें कितनी बड़ी कुर्बानी क्यों नहीं देने पड़े। किसान नेता मुकेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेशों की आगरा विकास प्राधिकरण धज्जियां उड़ा रहा है। जबकि मुख्यमंत्री जब आगरा में आये थे। तब कह कर गये थे कि किसानों की जमीन का उचित मुआवजा मिलना चाहिए। उत्तर प्रदेश के किसान हैं।

जमीन एडीए जबरन कौड़ियों के भाव में लेना चाहता है

किसान नेता रामनिवास रघुवंशी ने कहा कि देश के किसानों को अन्नदाता कहा जाता है। आज उसी की जमीन एडीए जबरन कौड़ियों के भाव में लेना चाहता है। इसका जवाब किसान 2024 के चुनावों में देगा। एडीए की कार्रवाई से किसानों में जबरदस्त नाराजगी है। किसानों ने साफ शब्दों में ऐलान कर दिया है की चाहे कुछ भी हो जाए वह अपनी जमीन को कौड़ियों के भाव नहीं जाने देंगे। फिलहाल ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश का माहौल है। चुनावी माहौल को देखते हुए प्राधिकरण भी फिलहाल बैकफुट पर है। देखना होगा भूमि अधिग्रहण से जुड़ा ये मामला आने वाले दिनों में क्या रंग दिखता है।

Shashi kant gautam

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