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Agra News: आवारा कुत्तों ने ली मासूम बच्ची की जान, शरीर मे रैबीज का जहर फैलने से की मौत, झाड़ फूंक में गई जान
Agra News: परिजनों ने बच्ची को एंटी रेबीज वैक्सीन तो नहीं लगवाई। जगह जगह बच्ची की झाड़ फूक करवाते रहे। देर रात बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। बच्ची कुत्ते की तरह हरकत करने लगी।
Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में आवारा कुत्तों ने मासूम बच्ची की जान ले ली। 15 दिन पहले बच्ची को आवारा कुत्ते ने काट लिया था। परिजनों ने बच्ची को एंटी रेबीज वैक्सीन तो नहीं लगवाई। जगह जगह बच्ची की झाड़ फूक करवाते रहे। देर रात बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। बच्ची कुत्ते की तरह हरकत करने लगी। ये देख परिजन बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल ले गए। बच्ची की हालत देखकर चिकित्सको ने बच्ची को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इलाज के दौरान चिकित्सकों ने बच्ची को मृत्यु घोषित कर दिया। बच्ची की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। मासूम बेटी की मौत के बाद माता-पिता बेसुध हो गए हैं।
झाड़ फूंक ने ले ली बच्ची की जान
मृतका के पिता धर्मेंद्र ने बताया कि करीब 15 दिन पहले उनकी बेटी पूनम को घर के बाहर खेलते समय गांव के आवारा कुत्ते ने काट लिया था। बच्ची ने घर आकर बताया तो उन्होंने घरेलू उपचार कर डिया। झाड़ फूंक करवा दी। देर रात अचानक से बच्ची की तबियत बिगड़ने लगी तो वो बच्ची पूनम को लेकर डॉक्टर के पास गए। इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। धर्मेंद्र ने बताया कि गांव में आवारा कुत्ते बहुत संख्या में है। कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। आवारा कुत्ते बच्चों के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं। बच्ची की मौत से आहत धर्मेंद्र ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से गांव के आवारा कुत्तों को जल्दी से जल्दी पकड़ने की मांग की है। जिससे भविष्य में किसी और बच्चे की जान आवारा कुत्तों के काटने की वजह से न जाए।
हर दिन सैकड़ों की संख्या में पहुंचते हैं मरीज
जिला अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि शहर से देहात तक सड़कों पर कुत्तों का जबरदस्त आतंक है। हर दिन ही ऐसे करीब 500 मरीज जिला अस्पताल पहुँचते हैं। जिन्हें आवारा कुत्तों ने काटा होता है। जिले में हर गली, हर मोहल्ले में आवाराकुत्ते सड़क पर भोंकते हुए नजर आते हैं। रात के वक्त सड़क पर निकलने में लोगों को डर लगता है। दर्जनों की संख्या में खूंखार आवारा कुत्ते शहर की सड़कों का घेरा बनाकर खड़े रहते हैं। मौका मिलते ही किसी पर भी हमला कर देते हैं। उसे बुरी तरीके से नोच डालते हैं। पूर्व में भी आवारा कुत्ते आगरा में बच्चों की जान ले चुके हैं। सिलसिला अभी जारी है। देखना होगा जिम्मेदार अधिकारी कब तक इस तरह की घटनाओं पर विराम लगा पाते हैं। बच्चों को खूंखार कुत्तों से निजात दिलवा पाते हैं।