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Lucknow Air Pollution: चेक करें लखनऊ में वायु प्रदूषण का स्तर, प्रशासन लगातार अलर्ट पर

Lucknow Air Pollution: राजधानी लखनऊ के कुछ इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली–एनसीआर के इलाकों के बराबर पहुंच गया था। नतीजतन प्रशासन ने इन इलाकों को रेड जोन घोषित कर दिया।

Krishna Chaudhary
Published on: 6 Nov 2022 1:08 PM GMT (Updated on: 6 Nov 2022 1:08 PM GMT)
The level of air pollution reduced in Lucknow, the strictness of the administration paid off
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लखनऊ में कम हुआ वायु प्रदूषण का स्तर, प्रशासन की सख्ती रंग लाई: Photo- Social Media

Lucknow Air Pollution: उत्तर भारत के अधिकांश शहर इन दिनों भारी प्रदूषण (air pollution) का सामना कर रहे हैं। जैसे-जैसे तापमान में गिरावट आती जा रही है, हवा जहरीली होती जा रही है। यूपी की राजधानी लखनऊ की आबोहवा भी जहरीली होती जा रही है। शनिवार को राजधानी के कुछ इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली–एनसीआर (air pollution in Delhi-NCR) के इलाकों के बराबर पहुंच गया था। नतीजतन प्रशासन ने इन इलाकों को रेड जोन घोषित कर दिया। आज यानी रविवार 6 नवंबर को लखनऊ में वायु प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी देखी जा रही है।

रेड जोन घोषित किए गए तालकटोरा और लालबाग में रविवार को एक्यूआई क्रमशः 326 और 255 दर्ज किया गया। शनिवार को तालकटोरा का एक्यूआई 401 दर्ज किया गया था, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं, लालबाग में एयर क्वालिटी इंडेक्स 359 दर्ज किया गया था, जो कि बहुत खराब की श्रेणी में आता है। इस हिसाब से देखें तो स्थिति में थोड़ा बहुच सुधार हुआ है।

लखनऊ के प्रमुख स्थानों का एक्यूआई

तालकटोरा – 326 (बहुत खराब श्रेणी)

लालबाग – 255 (खराब)

सेंट्रल स्कूल – 228 (खराब)

गोमती नगर – 146 (सामान्य )

अंबेडकर चौराहा – 200 (सामान्य)

प्रशासन की सख्ती रंग लाई

लखनऊ की आबोहवा इस साल अब तक मिलाजुला कर ठीक – ठाक थी। लेकिन पिछले एक हफ्ते में हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ने लगी। घर से बाहर निकलने पर लोग आंखों में जलन होने की शिकायत करने लगे थे। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और तालकटोरा, ऐशबाग और नादरगंज क्षेत्र में अधिक प्रदूषण करने वाले उद्योगों को तत्काल संचालन बंद करने का आदेश दिया। जिसका असर अगले दिन से ही देखने को मिल रहा है।

एक्यूआई को ऐसे समझें (What is AQI)

दरअसल, एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 0 से 100 के बीच अच्छा माना जाता है। जबकि 100 से 200 के बीच मध्यम, 200 से 300 तक खराब माना जाता है। इसके अलावा 300 से 400 तक इसे बहुत खराब और 400 से 500 या इससे ऊपर के स्तर को गंभीर माना जाता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के जिलों में दम घुटने और आंखों में जलन की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।

Shashi kant gautam

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