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भ्रष्टाचार का ठिकाना बने प्रदेश के केजीबीवी- अजय लल्लू
अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश की योगी सरकार पर कस्तूरबागांधी बालिका विद्यालय भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा है।
लखनऊ: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) पर कस्तूरबागांधी बालिका विद्यालय भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के केजीबीवी को योगी सरकार ने भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिया है। जब कोरोना काल में सभी विद्यालय बंद पड़े हैं तो विद्यालय फंड की लूट कैसे हो गई। योगी सरकार में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिल रहा है। उन्होंने भ्रष्टाचार की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है।
शनिवार को एक बयान जारी कर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। सरकार के मंत्रियों, अधिकारियों व ठेका माफियाओं का मजबूत गठबंधन बन् चुका है जो मुख्यमंत्री के संरक्षण में जनता के धन पर खुलेआम डाका डाल रहा है। सरकार के मुखिया होकर योगी आदित्यनाथ जानबूझकर चुप साधे हुए हैं। इसके अलावा यह सरकार उन लोगों पर कार्रवाई कर रही है जो भ्रष्टाचार का खुलासा करते हैं, इसका भांडा फोड़ रहे हैं। भदोही में जब विद्यालय में रोटी नमक बांटने की खबर आई तो योगी सरकार ने खबर दिखाने वाले पत्रकार पर ही मुकदमा कर दिया।
उन्होंने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) के फंड में बड़ा घोटाला किया गया है। करोड़ों रुपये का फंड अधिकारियों और मंत्रियों की सांठ-गांठ से हड़प लिया गया है। विद्यालय के भोजन, स्टेशनरी, मेडिकल केयर, कंटीजेंसी फंड घोटाले में शिक्षा विभाग के अधिकारी, बीएसए सहित डबल ए.ओ. और आपूर्तिकर्ता फर्म को भी रंगे हाथों पकड़ा गया है लेकिन इस काकस के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय मुख्यमंत्री ने मौन साध रखा है। इससे साफ जाहिर है कि लूट के इस काकस को उनका संरक्षण मिला हुआ है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल उठाया है कि जब पिछले एक साल से कोरोना महामारी की वजह से प्रदेश के सभी केजीबीवी बंद हैं। छात्राएं अपने घरों में हैं तो उनके भोजन व अन्य मद पर आया पैसा कहां खर्च हो गया। प्रदेश के एक-दो नहीं सभी केजीबीवी में यह लूट हो रही है। योगी सरकार ने प्रदेश के सभी केजीबीवी को भ्रष्टाचार और लूट का केंद्र बना दिया है। प्रधानमंत्री की संसदीय सीट वाराणसी सहित प्रदेश के 18 जनपदों रायबरेली, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, सोनभद्र, संतकबीरनगर, उन्नाव, प्रतापगढ़, देवरिया, मऊ, गोंडा, फतेहपुर, बरेली, बिजनौर, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद में जिस तरह से सरकारी धन की लूट की गई है यह साफ बता रहा है कि विभाग के लुटेरों को सत्ता शीर्ष का संरक्षण मिला हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार का भ्रष्टाचार और अपराध पर 'जीरो टॉलरेंस' का दावा भी जनता को गुमराह करने वाला जुमला है। योगी सरकार में घोटाले, भ्रष्टाचार और अपराध की हर तरफ बहार है। उन्होंने कहा कि अगर योगी सरकार का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस जुमला नहीं है तो मुख्यमंत्री बताएं कि छात्राओं के हक पर डाका डालने वालों पर कब कार्यवाही की जाएगी? दोषियों को कब जेल भेजा जाएगा ? विभागीय मंत्री की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी कब होगी? क्या वह कोई कार्रवाई करेंगे या पहले की तरह आंख मूंदकर बैठे रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि केजीबीवी में अभी हाल में ही हुए नौ करोड़ के घोटाले में भ्रष्टाचारियों को बचाने की कवायद हो रही है। योगी सरकार ने अब तक जांच पूरी कराकर कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में योगी सरकार पर किसी को भरोसा नहीं रहा। अब आवश्यक हो गया है कि प्रदेश के सभी केजीबीवी में घोटालों की निष्पक्ष व उच्च स्तरीय जांच हो। यह तब संभव होगा जब इलाहाबाद हाईकोर्ट के सिटिंग जज से योगी सरकार के कार्यकाल में केजीबीवी के काम-काज व घोटालों की जांच कराई जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मांग करते हुए कहा कि केजीबीवी में हुए घोटाले की हाइकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच करायी जाए, सम्बंधित विभागीय मंत्री व अधिकारियों की बर्खास्तगी हो, आपूर्तिकर्ताओ की फार्मों को ब्लैकलिस्टेड करने के साथ सभी के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कानून के अनुसार सख्त कार्यवाही की जाए। मैनपुरी, रायबरेली समेत कई जिलों के घोटालों पर अब तक परदा पड़ा हुआ है। केजीबीवी में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने वालों और नौकरी देने वाले काकस पर भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।