TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

नागरिकता कानून हिंसा की हो न्यायिक जांच: अजय कुमार लल्लू

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राज्यपाल को पत्र लिखकर हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है। पत्र में उन्होने लिखा है कि मुख्यमंत्री ने गैर जिम्मेदाराना असंयमित टिप्पणी करके हिंसा को उकसाया और पुलिसिया हिंसा को बढ़ावा दिया है।

Harsh Pandey
Published on: 22 Dec 2019 7:47 PM IST
नागरिकता कानून हिंसा की हो न्यायिक जांच: अजय कुमार लल्लू
X

लखनऊ: प्रदेश कांग्रेस ने यूपी पुलिस पर शांतिपूर्ण ढंग से सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिसिया हिंसा और दमनात्मक कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि इसके लिए पुलिस को ऊपर से आदेश दिया गया है।

हिंसा की हो न्यायिक जांच...

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राज्यपाल को पत्र लिखकर हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है। पत्र में उन्होने लिखा है कि मुख्यमंत्री ने गैर जिम्मेदाराना असंयमित टिप्पणी करके हिंसा को उकसाया और पुलिसिया हिंसा को बढ़ावा दिया है।

पत्र में उन्होने हिंसा में मारे गए निर्दोषों को मुआवजे, हिंसा और आगजनी की न्यायिक जांच तथा सभी राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की है।

प्रदेश अध्यक्ष ने की प्रेसवार्ता...

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को मीडिया से कहा कि संविधान बचाने के लिए जनता सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रही है लेकिन भाजपा सरकार पुलिस के दम पर हिंसा के जरिये आंदोलनों का दमन कर रही है।

हापुड़, बिजनौर, रामपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ समेत अन्य जिले जहां पर हिंसा की खबरें आई हैं वहां पर तत्काल न्यायिक जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पूरे सूबे में अब तक करीब दो दर्जन लोग पुलिसिया हिंसा में मारे जा चुके हैं। इन सभी मामलों की भी न्यायिक जांच होनी चाहिए।

आंदोलनकारियों का किया जा रहा दमन...

उन्होंने कहा कि पुलिस की भूमिका क्या है यह बिजनौर के कप्तान के ऑडियो से पता चलता है कि किस तरह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों के दमन किये जा रहे हैं।

लल्लू ने कहा कि पूरे सूबे से राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं की अवैध और गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तारी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता रहीं सदफ जाफर को पुलिस ने जिस बर्बर ढंग से मारा पीटा है, वह निंदनीय और आपराधिक कृत्य है। सदफ जाफर को पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से उठाया, उनकी गिरफ्तारी की सूचना पुलिस ने 24 घण्टे तक छिपाए रखी। पार्टी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ में कई प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नजरबंद किया था। बाद में गैर कानूनी तरीके से उनको घर से उठा लिया, पुलिस हिरासत में उनके साथ मारपीट किया गया।

उनकी गिरफ्तारी की कोई जानकारी उनके परिजनों को नहीं दी और जेल भेज दिया। हालात यह है कि अगर कोई गिरफ्तार किए गए आंदोलनकारियों के संदर्भ में कोई जानकारी चाहता है या पैरवी कर रहा है तो उसे भी पुलिसिया उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नोटबन्दी के बाद सीएए और एनआरसी के नाम पर सरकार फिर गरीबों को लाइन में लगाना चाहती है। यह कानून संविधान विरोधी है और किसी भी कीमत पर बाबा साहेब के संविधान के खिलाफ संघी कानून को स्वीकार नहीं किया जाएगा।



\
Harsh Pandey

Harsh Pandey

Next Story