×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बुआ-भतीजे से नाराज अजित-शिवपाल थामेंगे कांग्रेस का हाथ!

ऐसे में सभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बेहद गंभीर भाजपा को उत्तर प्रदेश में बुआ-भतीजे के अलावा कांग्रेस,रालोद और नवगठित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के संभावित मोर्चे से लोहा लेना होगा।

Shivakant Shukla
Published on: 11 Jan 2019 7:53 PM IST
बुआ-भतीजे से नाराज अजित-शिवपाल थामेंगे कांग्रेस का हाथ!
X

मेरठ: यूपी में मायावती-अखिलेश(बुआ-भतीजे) से नाराज अजित सिंह और शिवपाल यादव सपा-बसपा गठबंधन में सम्मानजनक सीटे नही मिलती देख कांग्रेस का हाथ पकड़ने की तैयारी में हैं।

ऐसे में सभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बेहद गंभीर भाजपा को उत्तर प्रदेश में बुआ-भतीजे के अलावा कांग्रेस,रालोद और नवगठित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के संभावित मोर्चे से लोहा लेना होगा। बता दें कि नवगठित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के मुखिया शिवपाल यादव भी अपने भतीजे को सबक सिखाने को आतुर हैं।

ये भी पढ़ें— स्कूल पढ़ने गई कक्षा 9 की छात्रा रहस्यमय ढंग से गायब, रिपोर्ट दर्ज

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्षों ने महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के लिये कल शनिवार को एक साझा प्रेस कांफ्रेस बुलाया है। इस महागठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी जा रही है। केवल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के लिये अमेठी और रायबरेली में महागठबंधन के प्रत्याशी न खड़ा किये जाने की बात सामने आ रही है।

ऐसे हालात में कांग्रेस अकेले दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। उ०प्र० के पूर्व मुख्यमंत्री बनारसीदास गुप्ता के बेटे एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एआईसीसी सदस्य हरेन्द्र अग्रवाल एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव चौधरी यशपालसिंह ने आज कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में कतई कमजोर नही है। इसलिए हम अकेले दम पर चुनाव लड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि हम समान विचारधारा दलों के साथ बातचीत को तैयार हैं और वे हमारे साथ आयेंगे।

ये भी पढ़ें— BJP National Executive में बोले शाह- आरक्षण से युवाओं का सपना होगा साकार

कांग्रेस नेताओं ने 2009 लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुये कहा कि उस समय भी बहुत सी बातें कांग्रेस के खिलाफ थी इसके बावजूद पार्टी ने 21 सीटे प्रदेश में जीती थी और केंद्र में संप्रग की सरकार बनी थी।

राष्ट्रीय लोकदल को सपा-बसपा से इसलिए नाराज है क्योंकि अखिलेश यादव और मायावती गठबंधन के बारे में सब कुछ आपस में ही बैठकर तय करने लगे हैं। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह यह कह कर अपनी नाराजगी जताने से नही चूके कि लखनऊ में होने वाली मायावती व अखिलेश यादव की साझा प्रेस कान्फ्रेंस की जानकारी उनको नहीं है। चौधरी अजित सिंह ने कहा कि हम महागठबंधन का हिस्सा हैं, हमने अभी तक सीटों पर चर्चा नहीं की है।

रालोद के वेस्ट यूपी के संगठन महासचिव डॉ.राजकुमार सागवान कहते हैं, दरअसल,बुआ-भतीजे प्रदेश में खुद को ही बड़ा सबरमा मान रहे हैं। उन्हें मालूम होना चाहिये कम से कम वेस्ट यूपी में रालोद को साथ लिए बगैर कोई भी पार्टी भाजपा के साथ मुकाबला नही कर सकती है।

ये भी पढ़ें— पंचकूला सीबीआई कोर्ट का बड़ा फैसला, पत्रकार हत्याकांड में राम रहीम दोषी करार!

उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी ने 37-37 सीट पर लडऩा तय किया है। इनके साथ ही दो सीट (मथुरा, बागपत) राष्ट्रीय लोकदल को देने का निर्णय किया गया है। रालोद को यह कतई स्वीकार नही है। रालोद को कम से कम एक दर्जन सीटे चाहिए। रालोद क्या कांग्रेस का हाथ पकड़ेगी के सवाल पर सांगवान ने ज्यीदा छ नही कहते हुएसिर्फ इतना ही कहाकि कांग्रेस ही रालोद को सम्मानजनक सीटें दे सकती है। सांगवान के अनुसार इस संबंध में व पार्टी की चुनावी रणनीति तय करने के लिए पार्टी मुख्यालय पर अजित सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।

दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (सपा) में उपेक्षा से नाराज होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने सीधे तौर पर तो अभी तक कांग्रेस के साथ जाने के बात नही की है ,लेकिन उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन की सम्भावना के सवाल पर कल जो कुछ कहा है उससे साफ है कि उन्होंने कांग्रेस के साथ जाने का मन बना लिया है। बकौल शिवपाल यादव,अभी उनकी कांग्रेस के किसी भी नेता से बात नहीं हुई है। हालांकि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और वह भाजपा को रोककर केन्द्र में सरकार बना सकती है।

ये भी पढ़ें— अखिलेश-मायावती कल एकसाथ करेंगे प्रेस कांफ्रेंस, गठबंधन पर बन सकती है बात

सपा के संस्थापक सदस्यों में शुमार किए जाने वाले शिवपाल ने सपा-बसपा के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘क्या दोनों पार्टिर्यों की विचारधारा मेल खाती है? क्या बसपा पर विश्वास किया जा सकता है? कोई भरोसा नहीं है कि वह कब गठबंधन में शामिल हो और कब अलग हो जाए।'



\
Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story