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अखाड़ों की बैठक में 2019 अर्धकुंभ का ब्लू प्रिंट तैयार, फर्जी शंकराचार्यों के प्रवेश पर प्रतिबंध
अखाड़ा परिषद की बैठक में तय हुआ कि इस बार अखाड़े पक्के घाटों में स्नान करेंगे। दूसरा बदलाव है अर्धकुम्भ में इस बार फर्जी मठाधीशों के प्रवेश पर प्रतिबंध होगा। दो साल बाद संगम तट पर होने जा रहे अर्धकुम्भ में इस बार शाही स्नान पक्के घाटों पर होगा।
इलाहाबाद: संगम तट पर 2019 के अर्धकुम्भ को लेकर अखाड़ा परिषद ने अपना नया रोडमैप तैयार कर लिया है। योजना के अनुसार सभी अखाड़े संगम के पक्के घाटों पर शाही स्नान करेंगे। रविवार को सभी अखाड़ों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। अर्धकुम्भ में फर्जी शंकराचार्यों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने पर भी अखाड़ों ने कार्ययोजना बनाने पर सहमति जताई।
फर्जी शंकराचार्यों पर प्रतिबंध
अखाड़ा परिषद की बैठक में तय हुआ कि इस बार अखाड़े पक्के घाटों में स्नान करेंगे। दूसरा बदलाव है अर्धकुम्भ में इस बार फर्जी मठाधीशों के प्रवेश पर प्रतिबंध होगा।
दो साल बाद संगम तट पर होने जा रहे अर्धकुम्भ में इस बार बहुत कुछ बदला बदला नजर आने वाला है।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि सबसे बड़ा बदलाव होगा शाही स्नान का।
इस बार कुम्भ में प्राचीन अकबर के किले को लेकर भी कई बदलाव होंगे जिसका ब्लूप्रिंट तैयार हो रहा है।
राम मंदिर का हल जल्द
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में सभी पक्षों की सहमति से राम मंदिर निर्माण के लिए भी प्रस्ताव पास किया गया।
अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने कहा आम सहमति से मंदिर निर्माण के लिए सभी पक्षों से बात की जा रही है।
रामजन्म भूमि के प्रमुख पक्षकार श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े के महंत धर्मदास ने दावा किया कि रामजन्मभूमि से जुड़े सभी पक्षकारों की सहमति से मामला सुलझने के कगार पर है।
उन्होंने कहा कि 10 दिन से एक महीने के अंदर सुलह का फार्मूला तैयार कर लिया जाएगा।
महंत धर्मदास ने कहा कि केवल राममंदिर के मुद्दे पर राजनीति करने वाले या लाभ लेने वाले लोग ही राम मंदिर के लिए सहमत नहीं हैं।
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