अखाड़ा परिषद: बना विवादों का अखाड़ा,राजनीति पर उतरा है परिषद- बोला संत समुदाय

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद संतों की समस्‍याओं और अखाड़े से जुड़े विषयों के बजाए ऐसे मुद्दे उठा रहा है कि वह खुद विवादों का अखाड़ा बनता जा रहा है। संत समुदाय अब अखाड़ा परिषद की

Anoop Ojha
Published on: 29 Dec 2017 2:31 PM GMT
अखाड़ा परिषद: बना विवादों का अखाड़ा,राजनीति पर उतरा है परिषद- बोला संत समुदाय
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अखाड़ा परिषद: बना विवादों का अखाड़ा,राजनीति पर उतरा है परिषद- बोला संत समुदाय

रतिभान त्रिपाठी

लखनऊ: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद संतों की समस्‍याओं और अखाड़े से जुड़े विषयों के बजाए ऐसे मुद्दे उठा रहा है कि वह खुद विवादों का अखाड़ा बनता जा रहा है। संत समुदाय अब अखाड़ा परिषद की नीयत पर सवाल उठाने लगा है। संतों ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि इसमें शामिल लोग निजी हित साधने के लिए राजनीति करने पर आमादा हैं। शुक्रवार को इलाहाबाद में हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में तीन बाबाओं को फर्जी बताकर अखाड़ा परिषद ने ऐसी जगह पत्‍थर फेंका है कि कीचड़ अब उन्‍हीं पर आ गिरा है। परी अखाड़े की प्रमुख त्रिकाल भवंता ने पलटवार करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की ही जांच कराने की सरकार ने मांग कर डाली है।

अखाड़ा परिषद ने शुक्रवार को इलाहाबाद के बाघम्‍बरी गद्दी इलाके में स्‍थित मठ में एक बैठक की जिसमें दिल्‍ली में महिलाओं को लेकर विवादों में आए वीरेंद्र देव दीक्षित, बस्‍ती के एक बाबा सच्‍चिदानंद और परी अखाड़े की मुखिया देवी त्रिकाल भवंता को फर्जी बाबा बता डाला है। अखाड़ा परिषद ने इससे पहले भी 14 बाबाओं को फर्जी घोषित किया था, जिसे लेकर संत समाज में उसकी आलोचना हुई थी और इसे अनाधिकार चेष्‍टा बताया गया था। लेकिन इस बीच फिर से विवादों में आए दो बाबाओं वीरेंद्र देव दीक्षित और सच्‍चिदानंद को तब फर्जी बताया जब दोनों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। लेकिन देवी त्रिकाल भवंता से नरेंद्र गिरि का निजी तौर पर विवाद है, इसलिए लगे हाथ फर्जी बाबाओं की सूची में उन्‍हें भी लपेट लिया है।

त्रिकाल भवंता ने पलटवार करते हुए कहा है कि अखाड़ा परिषद को यह अधिकार कहां से मिल गया कि वह किसी को फर्जी घोषित करे। त्रिकाल भवंता ने कहा कि सरकार महंत नरेंद्र गिरि की जांच कराए कि उनके क्‍या कृत्‍य हैं। यह पूछने पर कि इस बारे में आप नरेंद्र गिरि से बात करेंगी तो वह बोलीं कि वह बात करने के योग्‍य नहीं। जो खुद महिलाओं का और समाज का शोषण कर रहा हो, जिसने मुझ पर हमले कराए हों, उससे क्‍या बात करनी। हम तो सरकार से उनकी ही जांच की मांग कर रहे हैं। अगर सरकार ने उनकी जांच न कराई तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

त्रिकाल भवंता के आरोपों पर महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि उनकी किसी से कोई दुश्‍मनी नहीं है। यह निर्णय अखाड़ा परिषद का है, मेरा निजी नहीं। अध्‍यक्ष होने के नाते उस निर्णय में वह भी शामिल हैं। जहां तक हमला कराने या शोषण की बात है तो क्‍या इससे पहले उन्‍होंने मेरे खिलाफ कहीं कोई मुकदमा लिखाया है क्‍या। अगर नहीं, तो वह मनगढ़ंत बात कह रही हैं क्‍योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है।

गौरतलब है कि अखाड़ा परिषद की आज की बैठक में अखाड़ों के लिए स्‍थाई निर्माण कराने, कुंभ मेला प्राधिकरण में अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधि को सदस्‍य बनाने, अखाड़ों की कब्‍जा की हुई जमीन खाली कराने जैसी मांगें भी शामिल हैं। कहा गया है कि मेला प्राधिकरण में हर अखाड़ा से एक एक पदाधिकारी को सदस्‍य बनाया जाना चाहिए।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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