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कोरोना संकट में भी विपक्ष का सहयोग नहीं ले रही सरकार: अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर कोरोना संकट के दौर में भी विपक्ष का सहयोग नहीं लेने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा का रवैया यह जताने का है कि वही सब कुछ कर रही है।

Dharmendra kumar
Published on: 1 May 2020 9:49 PM IST
कोरोना संकट में भी विपक्ष का सहयोग नहीं ले रही सरकार: अखिलेश
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर कोरोना संकट के दौर में भी विपक्ष का सहयोग नहीं लेने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा का रवैया यह जताने का है कि वही सब कुछ कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को विपक्षी नेताओं और दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष की तत्काल संयुक्त बैठक आमंत्रित कर भविष्य की रणनीति तय करनी चाहिए। जिससे कोरोना जैसी भयंकर महामारी का कारगर मुकाबला किया जा सके।

सपा अध्यक्ष ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि यूपी सरकार कागजों पर ही श्रमिकों की मदद का ढोंग कर रही है।यहां कहा कि कहा है कि देश के कई राज्यों में घरों से दूर मजदूर काम और पैसे के लिए परेशान है। भविष्य में बढ़ती बेकारी का संकट अलग भयाक्रांत कर रहा है। इस साल कोरोना वायरस के संक्रमण काल में आज एक अलग तरह का ही श्रमिक दिवस मना रहे हैं। इस वजह से किसी शुभकामना या बधाई देने का अवसर तो नहीं है पर भटके हुए श्रमिक अपनों के पास घर सुरक्षित पहुंच जाएं, ये ही कामना की जा सकती हैं।

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अखिलेश ने कहा कि सरकारी अव्यवस्था और अदूरदर्शिता का हाल यह है कि राज्य सरकार के पास प्रवासी और राज्य के श्रमिकों का सही आंकड़ा ही नहीं है तो वह रोजगार कैसे देगी? उनके रहने-खाने की व्यवस्था भी लम्बे समय तक कैसे होगी? समाजवादी पार्टी इसीलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है ताकि कोरोना संक्रमण काल में रोजी-रोटी के सवाल पर भी सार्थक विचार विमर्श हो सके।

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सपा मुखिया ने कहा कि यूपी में अब तक लाखों श्रमिक आ चुके हैं फिर भी उतनी ही श्रमिक दूसरे राज्यों में फंसे हैं। विभिन्न राज्यों में जो श्रमिक जहां रूक गया है वहां से वह अपने गृह जनपद नहीं जा पा रहा है। भूख और आशंकाओं से घिरा श्रमिक की जिंदगी बदहाल है। इनके अलावा विभिन्न राज्यों में तीर्थयात्री और छात्र भी हैं जिनको लाने में कई राज्यों से होकर आना होगा। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार तो अपने प्रदेश के श्रमिकों के साथ गैरों जैसा व्यवहार कर रही है। मुंबई से 18 दिन पैदल चलकर महोबा पहुंचे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को महोबा प्रशासन ने उल्टे मध्य प्रदेश भेज दिया।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव



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