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UP Politics: केदारनाथ की तर्ज पर केदारेश्वर मंदिर के जरिए बड़ा सियासी संदेश देना चाहते हैं अखिलेश
UP Politics: सपा मुखिया अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव से पहले इटावा में केदारेश्वर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करना चाहते हैं।
UP Politics: इटावा में लायन सफारी के पास बन रहा केदारेश्वर मंदिर इन दिनों सियासी हल्कों में चर्चा का विषय बना हुआ है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस मंदिर के जरिए बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। मंगलवार को उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव और पार्टी के अन्य प्रमुख नेताओं के साथ सपा मुख्यालय में भगवान शालिग्राम शिला की पूजा की। इसी शिला से केदारेश्वर मंदिर में बनने वाला शिवलिंग तैयार किया जाएगा।
सपा मुखिया अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव से पहले इटावा में केदारेश्वर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करना चाहते हैं। इसके जरिए वे अपने वोट बैंक और अन्य मतदाताओं को यह संदेश देने की कोशिश में जुटे हुए हैं कि वे मंदिरों के विरोध में नहीं है। इसके साथ ही वे अयोध्या के राम मंदिर निर्माण से भाजपा को होने वाले फायदे के असर को भी कम करना चाहते हैं। यही कारण है कि केदारेश्वर मंदिर के निर्माण का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
न्योते के बावजूद नहीं पहुंचे थे अयोध्या
अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सपा मुखिया अखिलेश यादव को भी आमंत्रित किया गया था मगर न्योता मिलने के बावजूद अखिलेश यादव अयोध्या नहीं पहुंचे थे। बाद में इस बाबत सवाल किए जाने पर अखिलेश यादव का कहना था कि वे बाद में अपने परिवार के साथ अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन करने के लिए जाएंगे। यही नहीं जब 11 फरवरी को सभी विधायकों को अयोध्या के राम मंदिर ले जाया जा रहा था तब भी अखिलेश यादव ने अयोध्या जाने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि वे अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बाद में अयोध्या दर्शन करने के लिए जाएंगे। ऐसे में भाजपा की ओर से सपा मुखिया और पार्टी के अन्य नेताओं पर राम विरोधी होने का बड़ा आरोप भी लगाया गया था। राम मंदिर को लेकर सवालों से घिरे अखिलेश यादव आजकल शिवभक्त नजर आ रहे हैं।
मतदाताओं को देना चाहते हैं बड़ा संदेश
यही कारण है कि अब लोकसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव काफी सतर्क नजर आ रहे हैं। इटावा में बंद रहे केदारेश्वर मंदिर के पीछे सपा मुखिया अखिलेश यादव की सोची समझी रणनीति मानी जा रही है। इसके जरिए अखिलेश यादव यह सियासी संदेश देना चाहते हैं कि वे मंदिरों के विरोध में नहीं हैं।
इसके साथ ही वे अपने वोट बैंक और अन्य मतदाताओं के बीच यह संदेश भी देना चाहते हैं कि सनातन में उनकी आस्था किसी अन्य सनातनी से कम नहीं है। इटावा के केदारेश्वर मंदिर को सपा मुखिया की इसी सोच से जोड़कर देखा जा रहा है।
नेपाल से पहुंची शिला की पूजा
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में शालिग्राम की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर उनके साथ सपा नेता जया बच्चन, शिवपाल यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय और पार्टी के अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। शालिग्राम की यह शिला सोमवार की रात नेपाल से सपा मुख्यालय पहुंची थी।
अखिलेश ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर शालिग्राम की पूजा का वीडियो भी शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि श्री शालिग्राम भगवान का आगमन देश-प्रदेश के लिए मंगलकारी एवं जन-जन के लिए कल्याणकारी हो, इस पावन कामना के साथ हृदय से स्वागत।
इस मौके पर अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि यह सपा के लिए बड़ा शुभ अवसर है। विशेष तौर पर अखिलेश यादव के लिए क्योंकि वे केदारेश्वर मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं। मंदिर के शिलान्यास के मौके पर बड़ा कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम के दौरान सपा के सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
चुनाव से पहले होगा मंदिर का शिलान्यास
इटावा में बनने वाले केदारेश्वर मंदिर का निर्माण अखिलेश यादव ने 2020 में शुरू कराया था। यह मंदिर करीब 10 एकड़ में बनाया जा रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव को इस बात का अंदाजा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे और भाजपा इसके जरिए सियासी फायदा उठाने की कोशिश करेगी।
यही कारण था कि अखिलेश यादव भी इसी तैयारी में जुटे हुए थे कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इटावा के केदारेश्वर मंदिर का भी शिलान्यास कराया जाए ताकि राम मंदिर के जरिए बने माहौल के असर को कुछ हद तक कम किया जा सके।
केदारनाथ की तर्ज पर हो रहा है निर्माण
इटावा में इस भव्य मंदिर का निर्माण केदारनाथ की तर्ज पर किया जा रहा है और सपा इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भव्य तरीके से आयोजित करने की तैयारी में जुटी हुई है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने मंगलवार को इस मंदिर की प्रगति का जायजा लिया था।
इस दौरान उन्होंने इस बात की भी जानकारी हासिल की कि इस मंदिर का निर्माण कब तक पूरा कर लिया जाएगा। सपा सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर का निर्माण पूरा करके इसका भव्य शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा