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Akhilesh Yadav on Milkipur By Election: अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग के खिलाफ उठाई आवाज, संसद के बाहर सपा सांसदों के साथ किया प्रदर्शन
Akhilesh Yadav on Milkipur By Election: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अन्य सांसदों ने संसद के बाहर चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया।
Akhilesh Yadav on Milkipur By Election: उत्तर प्रदेश के अयोध्या संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए बीते दिन यानी पांच फरवरी को मतदान हुआ। इसके बाद तमाम न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल ने मिल्कीपुर में बीजेपी को विजयी दर्शाया है। इसके बाद से अखिलेश यादव चुनाव आयोग पर निष्पक्ष चुनाव न कराने का आरोप लगाया है।
अखिलेश यादव ने आज अपने पार्टी के अन्य सांसदो के साथ संसद के बाहर चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनके साथ उनकी पत्नी सांसद डिंपल यादव भी मौजूद रहीं।
अखिलेश यादव ने मांगा जवाब
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव पर कहा कि भाजपा के सभी लोगों ने मिल्कीपुर उपचुनाव में जो बेइमानी की है, उसके लिए उन्हें फिर गंगा में डुबकी लगानी होगी । बूथ स्तर के अधिकारी कैसे नियुक्त हुए। CO किसे भेजा गया या SO किसे बनाया गया? जो पुलिस कप्तान हैं उन्हें कहा गया है कि उन्हें इसके बाद मलाईदार पोस्टिंग मिलेगी ।
भाजपा के लोग सबसे बड़े अपराधी
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भाजपा ऐसी नहीं है कि बिना परोपकार के अच्छी पोस्टिंग दे। चुनाव आयोग कहां है? हम लोग कितने समय से राजनीति में हैं क्या एक पुलिस के अधिकारी का यही व्यवहार होगा? भाजपा के लोग सबसे बड़े अपराधी हैं।
अखिलेश यादव ने लगाए थे आरोप
इससे पहले चुनाव वाले बीते दिन बुधवार यानी पांच फरवरी को अखिलेश यादव ने अपने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया और पीठासीन अधिकारियों पर सवाल उठाया। उन्होंने लिखा है पीठासीन अधिकारियों की सच्चाई का स्टिंग ऑपरेशन जो सत्ताधारी के लिए फ़र्ज़ी मतदान का टार्गेट पूरा कर रहे हैं। इनके बूथों पर तुरंत चुनाव रद्द किया जाए और इन्हें प्रथमदृष्ट्या आडियो सबूतों के आधार पर निलंबित किया जाए और फिर उचित न्यायिक कार्रवाई के बाद बर्खास्त भी।
सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग
उन्होंने आगे लिखा कि अधिकारियों की चुनावी धांधली और हेराफेरी के ऐसे और भी वीडियो-आडियो आ रहे हैं। जब इनकी नौकरी जाएगी और समाज में बदनामी होगी शायद तब इनका ईमान और ज़मीर जागेगा। सरकार इनका इस्तेमाल करके अपना हाथ झाड़ लेगी, तब ये जेलों में होंगे और अपने समाज, परिवार और बच्चों की नजर में अपमान की ज़िदगी जीएंगे। हम उन सब ईमानदार और सच्चे अधिकारियों की प्रशंसा करते हैं, जिन्होंने भाजपा पार्टी ऑफ़िस से दिये गये ‘फ़र्ज़ी मतदान के टार्गेट’ को मानने से इंकार कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय और निर्वाचन आयोग लोकतंत्र के ऐसे दुश्मनों का तत्काल संज्ञान ले। सर्वोच्च न्यायालय और निर्वाचन आयोग लोकतंत्र के ऐसे दुश्मनों का तत्काल संज्ञान ले।