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स्वामी प्रसाद के बयान से अखिलेश नाराज, जल्द होगी कार्यवाई!

UP Politics: उन्होने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के संज्ञान में पूरा प्रकरण है। जल्द ही अखिलेश यादव कार्रवाई करेंगे। सपा के किनारा करते ही हिंदू महासभा ने हजरतगंज थाने में तहरीर दी है। स्वामी प्रसाद पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

Anant kumar shukla
Published on: 23 Jan 2023 3:17 PM GMT (Updated on: 23 Jan 2023 3:48 PM GMT)
Samajwadi Party edge over Swami Prasad Maurya statement
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Samajwadi Party edge over Swami Prasad Maurya statement (Social Media)

UP Politics: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान से पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नाराज बताये जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी कभी भी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्यवाई कर सकती है। सपा ने विवादस्पद बयान से भी किनारा कर लिया है।

स्वामी प्रसाद का बयान पार्टी की राय नहीं

लखुनऊ मध्य से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए बयान को खारिज कर दिया है। उन्होने कहा कि ये स्वामी प्रसाद मौर्या का निजी बयान है। यह समाजवादी पार्टी का स्टैंड नहीं है। नेताओं को महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार पर बोलना चाहिए। अज्ञानतावश इस प्रकार की टिप्पणी की है।

उन्होने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के संज्ञान में पूरा प्रकरण है। जल्द ही अखिलेश यादव कार्रवाई करेंगे। सपा के किनारा करते ही हिंदू महासभा ने हजरतगंज थाने में तहरीर दी है। स्वामी प्रसाद पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

समाजवादी पार्टी ने कहा कि है कि रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य का अपना निजी राय है। पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है। ये पार्टी का बयान नहीं है।

क्या कहा सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने?

विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा कि रामचरित मानस एक ऐसा ग्रंथ है जिसे देश में ही नही बल्कि विदेशों में भी पढ़ा जाता है। लोग इसका अनसरण भी करते हैं। उन्होने कहा कि यह ग्रंथ हमें नैतिक मूल्यों, भाइयों, माता-पिता, परिवार और अन्य लोगों के साथ महत्व को समझाती है। हमें न केवल रामचरित मानस बल्कि कुरान, बाइबिल और गुरूग्रंथ का भी सम्मान करना चाहिए। उन्होने कहा कि अखिलेश यादव से मिलकर उन्हे इस बयान से अवगत कराएंगे। सूत्रों कि मानें तो सपा के ज्यादातर नेता इस बयान से नाराज हैं।

क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने?

गौरतलब है कि बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि तुलसीदास की रामायण पर सरकार को रोक लगा देनी चाहिए। क्योंकि रामायण में दलितों और पिछड़ों का अपमान किया गया है। यदि सरकार इस ग्रंथ पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है, तो इसके उन श्लोकों, दोहों और चौपाइयों को हटाया देना चाहिए जिनसे दलित समाज का अपमान होता है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में कई जगहों पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे दलितों की भावनाएं आहत होती हैं। उन्होंने कहा था कि जब तुलसीदास ने रामायण लिखी थी उसमें कहा गया था कि नारी और शूद्रों को पढ़ने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। स्त्रियों और पढ़ने-लिखने का अधिकार अंग्रेजों ने दिया। सरकार को प्रभावी कार्यवाही करनी चाहिए। जिससे लोगों की भावनाए आहत न हो।

Anant kumar shukla

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Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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