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UP में नागरिकता सत्याग्रह चलाएगी सपा, लोगों से करेगी ये बड़ी अपील
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एनपीआर का पर्चा नहीं भरने का एलान करने के बाद यूपी में नागरिकता-सत्याग्रह चलाने की है। पार्टी कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में जनता को एनपीआर से होने वाले नुकसान से जागरूक करते हुए इसके फार्म को न भरने की अपील करेगी।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एनपीआर का पर्चा नहीं भरने का एलान करने के बाद यूपी में नागरिकता-सत्याग्रह चलाने की है। पार्टी कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में जनता को एनपीआर से होने वाले नुकसान से जागरूक करते हुए इसके फार्म को न भरने की अपील करेगी। इसके साथ ही सपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान युवा अराजकता को नापसंद करते है, पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ही अराजकता को आमंत्रित करती है और अव्यवस्था फैलाना उसका एजेण्डा है।
सपा मुखिया ने सोमवार को अपने टविट्र हैंडल से टवीट् कर इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में वर्ष 1895 में इमीग्रेशन लाॅ संशोधन बिल में भी तमाम प्रतिबंध थे जिसे 'खूनी कानून' बताते हुए गांधीजी ने इसके खिलाफ सत्याग्रह 'पैसिव रेजिस्टेंस' का अभियान छेड़ दिया था। गांधीजी ने 11 सितम्बर 1906 को दक्षिण अफ्रीका के शहर नटाल के नाट्य सभागार में आयोजित एक सभा में कहा था 'मर जाना किन्तु कानून के सामने सिर न झुकाना। उन्होंने कहा कि सपा भी भाजपा की अराजक नीति के खिलाफ अब नागरिकता-सत्याग्रह चलायेगी।
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अखिलेश ने भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में किसानों, नौजवानों और गरीबों के साथ एक भी वादा नहीं निभाया है। पूरे समय वे झूठ और भ्रम के सहारे अपनी राजनीति चलाती रही हैं और आज भी वही हालात हैं। भाजपा नेता तो लोकलुभावन बातें करने के मास्टर हैं। देश भर में नोटबंदी, जीएसटी के बाद एनआरसी, सीएए, एनपीआर जैसे कदमों से देश में अव्यवस्था हिंसा और अराजकता ही बढ़ी है, इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है।
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सपा मुखिया ने प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत निर्माण पर सवाल उठाया और कहा कि वल्र्ड इनइक्वैलिटी डेटा बेस के आकंड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश के 90 प्रतिशत भारतीय महीनें में 12 हजार रुपये से भी कम कमा पाते हैं। भाजपा राज की एक ही बड़ी उपलब्धि है कि देश की कुल सम्पत्ति चंद घरानों की बंधक बनकर रह गई है। देश के नागरिकों की यह दुर्दशा आर्थिक असमानता के कारण पैदा हुई है। आम लोग इसके शिकार हैं। लोगों की जिंदगी तबाह है। जहां कुछ अकूत सम्पत्ति के मालिक बन बैठे हैं वहीं बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें न छत नसीब है और न ही दो वक्त की सूखी रोटी। वे भयानक गरीबी में जीने को मजबूर हैं।
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अखिलेश ने कहा कि भाजपा राज में नौजवान सबसे ज्यादा उनके धोखे के शिकार हुए हैं। उनसे वादा किया गया था कि हर वर्ष दो करोड़ नौकरियां मिलेंगी। रोजगार के अवसर तो सृजित हुए नहीं उल्टे नोटबंदी-जीएसटी के चलते तमाम उद्योगधंधे बंद हो गए, कर्मचारियों की छंटनी हो गई और बेरोजगारों की बाढ़ आ गई। अर्थव्यवस्था मंदी की शिकार हो गई है। बैंकों में गरीबों का जमा धन लूटकर सैकड़ों बड़े व्यापारी विदेश चले गए।