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अखिलेश यादव ने पीएम मोदी को पहली बार कह दी ऐसी बात
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था को गर्त में ले जाने वाले कदम दर कदम उठा रही है। रिजर्व बैंक में प्रतिभूति की तरह जमा पैसों को भी भाजपा ने नहीं छोड़ा। बैंकों में धोखाधड़ी की तमाम घटनाएं प्रकाश में आई हैं।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था को गर्त में ले जाने वाले कदम दर कदम उठा रही है। रिजर्व बैंक में प्रतिभूति की तरह जमा पैसों को भी भाजपा ने नहीं छोड़ा। बैंकों में धोखाधड़ी की तमाम घटनाएं प्रकाश में आई हैं। जनहित की उसे कतई परवाह नहीं। देश की अर्थव्यवस्था में आ रही गिरावट गहरी चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के थोथे दावों को और उनके सपने दिखाने वाले भाषणों को जनता कब तक बर्दाश्त करेगी।
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उन्होंने कहा कि कई कोशिशों के बाद भी केन्द्र सरकार आखिरकार भारतीय रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष से एक लाख 76 हजार करोड़ रूपए हासिल करने में सफल हो गई। लेकिन इस आरक्षित कोष के सदुपयोग के बारे में वित्त मंत्री भी आश्वस्त नहीं दिख रही हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से कर राजस्व वसूली अनुमान से करीब डेढ़ लाख करोड़ रूपए कम रही है। जुलाई से सितम्बर के मध्य विकासदर और कम होने का अंदेशा है।
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अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने मनमाने तरीके से आरक्षित कोष का पैसा अपने राजनीतिक हित साधने में लगाया तो इससे जनता का बैंकों पर विश्वास घटेगा। बेहतर था कि इन पैसों से रोजगार का सृजन होता अन्यथा युवा आक्रोश को ज्यादा समय तक दबाए रखना विस्फोटक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का खामियाजा आम आदमी को भोगना पड़ रहा है। नोटबंदी और जीएसटी से उद्योगों की हालत खस्ता है, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों नौकरियां जाने की खबरें आ रही हैं। टैक्स के बोझ से बाजार का मनोबल टूट गया है।
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उन्होंने कहा कि आयकर के छापों का आतंक अलग से बाजार में दहशत पैदा किए हुए है। अर्थव्यवस्था अब सातवें नम्बर पर पहुंच गई है। किसान, व्यापारी सब तबाह हैं। प्रधानमंत्री के थोथे दावों को और उनके सपने दिखाने वाले भाषणों को जनता कब तक बर्दाश्त करेगी?