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UP Politics: अखिलेश यादव का योगी सरकार पर बड़ा हमला, कहा आवारा पशु चलते-फिरते काल बन चुके हैं
UP Politics: अखिलेश यादव ने बताया कि फिरोजाबाद में एक महिला की जान गई। खुर्जा के साबितगढ़ गांव में खेत की रखवाली कर रहे किसान रामगोपाल (55 वर्ष) की सांड के हमले से दुःखद मौत हुई।
UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि जनसमस्याओं और लोगो की परेशानियों से भाजपा सरकार का कोई लेना देना नहीं है। आवारा पशुओं की समस्या भाजपा सरकार के आने के बाद ही विकराल हुई है परन्तु उसकी ओर कोई ध्यान नहीं है। आवारा पशु चलते-फिरते काल बन चुके हैं। सरकारी संवेदनहीनता के चलते रोजाना लोगों की जानें जा रही है।
किसानों का फसल बरबाद कर रहे छुट्टा जानवर
उन्होने कहा कि अन्ना पशुओं के चलते किसानों की फसलें रौंदी और बर्बाद होती जा रही है। रात-रात भर खेतों में रखवाली करने वाले किसान की तकलीफो पर कोई सुनवाई नहीं है। कितने किसान तो पिछले दिनों भीषण ठंड में जान गंवा बैठे। अभी शाहजहांपुर में एक युवक की सांड के हमले से मौत हो गई। जनपद के जलालाबाद में शादी से लौट रहे बाइक सवार सड़क पर बैठे छुट्टा जानवरों के झुण्ड से टकरा गया। इसी बीच एक सांड ने हमला कर दिया। इस जनपद में सन् 2018 से जनवरी तक आधे दर्जन से ज्यादा मौतें सांड के हमले से हो चुकी है।
सांड के हमले से महिला की मौत
अखिलेश यादव ने बताया कि फिरोजाबाद में एक महिला की जान गई। खुर्जा के साबितगढ़ गांव में खेत की रखवाली कर रहे किसान रामगोपाल (55 वर्ष) की सांड के हमले से दुःखद मौत हुई। संभल में एक परिवार के सभी लोगों पर हमला कर घायल कर दिया। उत्तर प्रदेश की सड़कों पर बैठे आवारा पशुओं के कारण रास्ते से गुजरने वालों, वाहन सवारों की जान खतरे में रहती है। रात में किसान खुद रखवाली न करे तो आवारा पशु उसकी फसल चर जाते हैं। आवारा घूमते सांड किसी पर हमला कर देते हैं। बहुत से लोग घायल हुए और बड़ी तादाद में मौते भी हो गई हैं। भाजपा सरकार इससे पूरी तरह बेपरवाह है।
सीएम की नहीं सुनते अधिकारी
सपा अध्यक्ष ने कहा कि चिंता और क्षोभ की बात तो यह है कि सत्ता में बैठे लोग किसानों और आम जनता की तकलीफों के प्रति पूरी तरह आंख मूंदकर बैठ गए हैं। जनता को मरता छोड़ वे सत्तामद में डूबे हुए है। मुख्यमंत्री जी आश्वासन देते हैं और भूल जाते हैं। अधिकारी अब उनकी सुनते नहीं। इसीलिए आवारा पशुओं की समस्या जस की तस बनी हुई है। अभी तक उसके नियन्त्रण और समाधान की दिशा में कोई कदम क्यों नहीं उठाए गए हैं?