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Parliament Security Breach Case: संसद सुरक्षा चूक मामले के आरोपियों के बचाव में उतरे अखिलेश यादव, जानें क्या कहा
Parliament Security Breach Case: लोकसभा में अराजकता फैलाने वाले आरोपियों को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का बड़ा बयान आया है।
Parliament Security Breach Case: संसद सुरक्षा चूक के मसले पर देश की राजनीति गरमाई हुई है। विपक्ष ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांग रहे हैं। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा को 18 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इस बीच लोकसभा में अराजकता फैलाने वाले आरोपियों को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से परेशान युवा गूंगी-बहरी सरकार को जगाने के लिए सदन में कूद गए।
सपा नेता ने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि नौजवानों के परिवार से जब कुछ पत्रकारों ने बात की तो उन्होंने बताया कि नौजवान रोजगार और नौकरी नहीं मिल पाने के कारण दुखी थी। इसलिए गूंगी-बहरी सरकार को जगाने के लिए वे नौजवान लोकसभा में कूद गए।
शुक्रवार को एक वैवाहिक समारोह में शामिल होने कन्नौज आए अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट (सेंट्रल विस्टा) में घटिया सुरक्षा इंतजाम कहीं बीजेपी की साजिश और षड्यंत्र तो नहीं। भाजपा अब आंतरिक सुरक्षा के बहाने लोगों को डराने की तैयारी कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इससे पहले गुरूवार को एक्स पर संसद के बाहर हंगामा करते दोनों आरोपियों का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, लोकसभा में दो युवकों का विज़िटर गैलरी से कूदना, संसद की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है। ये एक गंभीर सुरक्षा चूक है। इसकी तत्काल जाँच की जाए और जिनकी वजह से ये अंदर प्रवेश कर सके, उन सबके ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई हो।
ये घटना देशभर के अलग-अलग जगहों और प्रदेशों से इकट्ठा हुए युवा मन की हताशा का परिणाम है। ये घटना स्वयं में निंदनीय होते हुए, इन अर्थों में चिंतनीय भी है कि यदि इसी प्रकार युवाओं को वर्तमान से निराशा हुई और भविष्य से नाउम्मीदगी तो ये देश के लिए अच्छा नहीं होगा। ये घटना व्यवस्था के दरवाज़े पर चेतावनी की दस्तक है।
7 दिन के रिमांड पर भेजे गया मास्टमाइंड
संसद के अंदर और बाहर 13 दिसंबर के दिन बवाल करने के मामले में छह आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। इस घटना के मास्टमाइंड ललित झा ने दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद शुक्रवार को उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे सात दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। पूछताछ के दौरान ललित ने बताया कि वो लोग देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें। पुलिस इस मामले में विदेशी फंडिंग की भी जांच करेगी।
4 आरोपियों ने ऐसे मचाया संसद के अंदर और बाहर उत्पात
बुधवार को संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी भी थी। सुबह सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी वरिष्ठ नेताओं ने संसद की सुरक्षा करने के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद 11 बजे से लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई। प्रश्नकाल चल ही रहा था कि अचानक दो शख्स (सागर शर्मा और मनोरंजन डी) दर्शक दीघा से नीचे सदन में कूद गए। आरोपियों ने जूते में छिपाकर लाए कलर स्पे को निकालकर छिड़कना शुरू कर दिया और नारेबाजी करने लगे। सांसद जब उन्हें पकड़ने के लिए आगे बढ़े तो वे इस टेबल से उस टेबल कूदने लगे। आखिरकार सांसदों ने उन्हें पकड़ा लिया और जमकर कूटा। इसके बाद दोनों को सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया गया।
जब लोकसभा में यह घटना हो रही थी उसी दौरान संसद के बाहर एक महिला और एक पुरूष कनस्तरों से रंगीन गैस का छिड़काव कर रहे थे और नारे लगा रहे थे। दोनों की पहचान हरियाणा की रहने वाली नीलम आजाद और महाराष्ट्र के अमोल शिंदे के रूप में हुई। नीलम को जब पुलिस गिरफ्तार कर ले जा रही थी, तो वह तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगा रही थी। पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में आरोपियों से शुरूआती पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मामला सौंप दिया गया।
आरोपियों के विरूद्ध लगा यूएपीए
दिल्ली पुलिस ने 13 दिसंबर की देर रात इस मामले में एक अन्य आरोपी विक्की शर्मा की गिरफ्तारी उसके गुरूग्राम स्थित घर से की थी। पुलिस ने उसकी पत्नी वृंदा को भी हिरासत में ले लिया। हालांक, उसे इस मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है। पुलिस के मुताबिक, घटना से पहले सभी आरोपी यहीं ठहरे हुए थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सभी आरोपियों के विरूद्ध अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्टल (यूएपीए) के तहत केस दर्ज किया है।
पुलिस ने जिन छह लोगों को आरोपी बनाया है, वो हैं – सागर शर्मा, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, मनोरंजन डी, ललित झा और विक्की शर्मा। इनमें ललिता झा ही ऐसा था जो फरार चल रहा था। बाद में उसने खुद पुलिस थाने में सरेंडर कर दिया।