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आठ साल से यार्ड में खड़ा है डबल सरकार का इंजन, बंगाल में ममता दीदी को कर रहे परेशान: अखिलेश यादव

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी के केंद्र और प्रदेश सरकार को लेकर करारा व्यंग्य किया है।

Akhilesh Tiwari
Published on: 2 Jun 2021 12:16 PM GMT
Akhilesh Yadav
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एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के केंद्र और प्रदेश सरकार को लेकर करारा व्यंग्य किया है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ साल से डबल इंजन वाली भाजपा सरकारों का इंजन स्टेशन यार्ड में ही खड़ा है। विकास योजनाएं प्लेटफार्म पर खड़ी हैं लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। भाजपा सरकारों में केवल अधिकारियों की शंटिंग ही होती रही है।

सपा नेता ने इशारों-इशारों में भाजपा पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा को केवल अधिकारियों के साथ खेलना ही आता है। दिल्ली से एक अधिकारी को लखनऊ भेजा गया, लेकिन उन्हें काम करने नहीं दिया गया। पश्चिम बंगाल में जो अधिकारी काम कर रहा है उसे काम करने नहीं दिया जा रहा है। उसे नोटिस थमाई जा रही है। पश्चिम बंगाल में जनता ने भाजपा को नकार दिया है। जनता के फैसले को स्वीकार करने के लिए भाजपा तैयार नहीं है और चुनावी हार का बदला लेने के लिए निचले स्तर पर उतरकर कार्रवाई कर रही है। बंगाल में भाजपा जो कुछ कर रही है वह संघीय ढांचे की मूल भावना के खिलाफ है। दरअसल भाजपा जानबूझकर लोकतंत्र के खिलाफ साजिश कर रही है। इसी वजह से ममता बनर्जी को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में केवल सरकार नहीं बना पाने की खुन्नस में ही भाजपा वहां एक मामूली बात को मुद्दा बनाकर जगहंसाई करा रही है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी भाजपा केवल दिखावे का काम कर रही है। यहां सत्ता का लालच भाजपा के सिर चढ़कर बोल रहा है। भाजपा सरकार केवल अधिकारियों की शंटिंग में ही समय खर्च कर रही है। कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री अपने वाराणसी मॉडल का गुणगान करते रहे तो मुख्यमंत्री के करीबी लोग गोरखपुर मॉडल के नाम पर वाहवाही करने में जुटे हैं। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में हालात इतने भयावह हैं कि गोरखपुर और वाराणसी मॉडल भी मॉडलिंग का मंच लगने लगा है।

उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें नहीं हैं वहां राज्यपालों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। राज्यपालों की भूमिका वाकई चिंताजनक बन गई है। उत्तर प्रदेश हो या पश्चिम बंगाल हो, हर जगह राज्यपालों की भूमिका निर्धारित होनी चाहिए। आश्चर्यजनक तरीके से पश्चिम बंगाल में राज्यपाल भी ऐसे वयवहार कर रहे हैं मानो वह कोई भाजपा कार्यकर्ता हों। राज्यपाल अपनी संवैधानिक भूमिका से बाहर निकलकर काम कर रहे हैं। वह राज्य सरकार के कामकाज में अनावश्यक हस्तक्षेप करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह की सक्रियता पश्चिम बंगाल में राज्यपाल की ओर से दिखाई जा रही है उसका एक प्रतिशत भी अगर यूपी में होता तो हजारों लोगों को अन्याय और अत्याचार का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने कर्मों का परिणाम भुगतना होगा। अभी प्रदेश की जनता जरूर भाजपा नेताओं के जनविरोधी कामों को बर्दाश्त कर ही है, लेकिन जल्द ही स्थितियां बदलने वाली हैं।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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