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UP News: सपा की ब्राह्मण महापंचायत में उठा स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों का मुद्दा, अखिलेश यादव ने किया ऐसे बयानों पर रोक लगाने का वादा

UP News: रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में महाब्राह्मण महापंचायत का आयोजन किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेने के लिए सपा के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पहुंचे।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 25 Dec 2023 2:22 PM IST
Swami Prasad Maurya,  Akhilesh Yadav
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Swami Prasad Maurya Akhilesh Yadav  (photo: social media ) 

UP News: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी ने जातीय समीकरण साधने की दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे के साथ लोकसभा चुनाव में आगे बढ़ रही सपा ने अब ब्राह्मण बिरादरी को साधने की कोशिश भी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में महाब्राह्मण महापंचायत का आयोजन किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेने के लिए सपा के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पहुंचे।

इस महापंचायत के दौरान सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से हिंदू धर्म और हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथों को लेकर की जा रही विवादित टिप्पणियों का मामला भी उठा। महापंचायत में कुछ वक्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिए बिना उनकी विवादित टिप्पणियों पर तीखी आपत्ति जताई। वक्ताओं का कहना था कि सपा में इस तरह के बयानों पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। वक्ताओं की आपत्ति के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इस तरह के बयानों पर रोक लगाने का आश्वासन दिया।

अखिलेश ने मांगा ब्राह्मणों से समर्थन

ब्राह्मण महापंचायत के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए ब्राह्मण समाज से समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी भाजपा के खिलाफ मजबूत अभियान छेड़ रखा है। भाजपा सरकार से मुक्ति मिलने पर ही देश में खुशहाली आएगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार में काफी बढ़ोतरी हुई है। देश में बड़े पैमाने पर काले धन का चलन बढ़ा है। मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण देश कर्ज के मकड़जाल में उलझता जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने में ब्राह्मणों को सपा की नीतियों का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने ब्राह्मण समाज के संघर्ष में सपा के साथ देने का वादा भी किया।

विवादित बयानों पर रोक लगाने का वादा

महापंचायत के दौरान पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से हिंदू धर्म और धार्मिक ग्रंथों को लेकर की जा रही विवादित टिप्पणियों का मुद्दा भी उठा। वक्ताओं का कहना था कि इससे समाज के एक बड़े वर्ग में सपा के प्रति नाराजगी पैदा हो रही है। इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अपने भाषण के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ऐसी विवादित टिप्पणियों को रोकने के लिए कदम उठाने का वादा किया।

सपा मुखिया ने कहा कि इस तरह के बयानों पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को धर्म और जाति को लेकर कोई भी टिप्पणी न करने की नसीहत भी दी।

वैसे यह पहला मौका नहीं है जब अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं को किसी भी धर्म या ग्रंथ को लेकर विवादित बयानों से दूर रहने की हिदायत दी है। वे इस तरह की हिदायत पहले भी दे चुके हैं। हालांकि इसका ज्यादा असर नजर नहीं आया है। ब्राह्मण महापंचायत से पूर्व सपा के कई सवर्ण नेताओं की ओर से भी इस बाबत अखिलेश यादव से शिकायत की जा चुकी है।

स्वामी प्रसाद ने की थी विवादित टिप्पणी

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले दिनों हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने के साथ ही ब्राह्मण समाज को लेकर भी ऐसा बयान दिया था जिसे लेकर काफी नाराजगी पैदा हुई थी। एक्स पर अपनी पोस्ट में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि समाज में सारी विषमता की जड़ ब्राह्मणवाद ही है और इसकी जड़ें काफी गहरी है।

उन्होंने हिंदू धर्म को धोखा तक बता डाला था। उनका कहना था कि सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी को हिंदू धर्म बताकर देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को धर्म के मकड़जाल में फंसाने की साजिश रची गई है।

ब्राह्मण नेताओं ने की थी अखिलेश से शिकायत

हिंदू धर्म और ब्राह्मण समाज को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से की गई इस टिप्पणी को लेकर सपा के ब्राह्मण नेताओं में काफी नाराजगी दिखी थी। ब्राह्मण नेताओं की ओर से शिकायत किए जाने के बाद सपा मुखिया ने इस तरह के बयानों से दूर रहने की हिदायत दी थी।

अब उन्होंने एक बार फिर धर्म को लेकर विवादित बयानों से दूर रहने की हिदायत दी है। अब यह देखने वाली बात होगी कि उनकी इस हिदायत का कितना असर दिखता है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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