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Akhilesh Yadav: शव मोर्चरी में... फूल बरसा रही सरकार, योगी सरकार पर खूब बरसे सपा मुखिया अखिलेश यादव
Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, 'जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव मोर्चरी और अस्पताल में पड़े हैं, उसके बाद भी सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर फूल बरसाए। ये कैसी सनातनी परंपरा है?
Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, 'जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव मोर्चरी और अस्पताल में पड़े हैं, उसके बाद भी सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर फूल बरसाए। ये कैसी सनातनी परंपरा है? भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया। कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया। सब कुछ छिपाने के लिए, सुनने में आ रहा है कि कुछ दबाव और कुछ मीठा खिलाया जा रहा है ताकि उनकी खबर बाहर न आए।
सर्वदलीय बैठक की मांग
अखिलेश यादव ने कहा, “मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं। महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले। हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई गलती नहीं थी तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?”
अखिलेश यादव ने कहा, "मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए सभी लोगों के प्रति कोई दुख नहीं जताया। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा मौतों के बारे में बोलने के बाद ही मुख्यमंत्री ने मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।"
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘शाही स्नान’ की परंपरा को कलंकित किया है। उन्होंने भगदड़ के लिए योगी आदित्यनाथ प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार महाकुंभ में 100 करोड़ से अधिक लोगों की मेजबानी करने के लिए तैयार थी, तो ऐसी घटना को रोकने के लिए प्रावधान क्यों नहीं किए गए।
2 मिनट का मौन रखने की मांग
अखिलेश यादव ने प्रयागराज में महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखने की मांग की। जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, तो यादव ने कहा, "केंद्रीय बजट पर आंकड़े जारी करने वाली सरकार को महाकुंभ त्रासदी में मरने वालों की वास्तविक संख्या भी जारी करनी चाहिए।"
निवेश पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, "मुझे याद है, उत्तर प्रदेश में निवेश सम्मेलन का सबसे बड़ा आयोजन हुआ था। निवेश सम्मेलन में न केवल निवेशकों को आमंत्रित किया गया, बल्कि डिफेंस एक्सपो के भी कई कार्यक्रम हुए। आश्वासन दिया गया कि 40 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हो रहे हैं। मैं इस डबल इंजन वाली सरकार से जानना चाहता हूं कि 40 लाख करोड़ रुपये के एमओयू में से कितने को यह सरकार जमीन पर उतार पाई है? क्या ऐसा नहीं है कि सरकार के डबल इंजन आपस में टकरा रहे हैं? अब खबरें पढ़ने को मिल रही हैं कि इंजन ही नहीं टकरा रहे, डिब्बे भी टकराने लगे हैं।"
राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं: अखिलेश यादव ने कहा, "राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था। अभिभाषण के दौरान कोई महत्वपूर्ण बात नहीं कही गई, उन्होंने अपने भाषण के दौरान कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं उठाया।"