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अखिलेश के फोटो लगे 35 हजार बैग फांक रहे धूल, मासूमों के स्वेटर का भी कोई पता नहीं
योगी सरकार में अखिलेश के फोटो लगे करीब 35 हजार बैग आज भी धूल फांक रहे है। दरअसल सपा सरकार ने बरेली जिले के दो हजार से ज्यादा प्राइमरी और प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के लिए बैग ख़रीदे थे लेकिन यह सभी बैग आचार संहिता के दायरे में आ गए थे। तब से ये बैग बेसिक शिक्षा के विभाग के स्टोरों में धूल फांक रहे हैं। नई सरकार के गठन के बाद ये समस्या आई आ
बरेली: योगी सरकार में अखिलेश के फोटो लगे करीब 35 हजार बैग आज भी धूल फांक रहे है। दरअसल सपा सरकार ने बरेली जिले के दो हजार से ज्यादा प्राइमरी और प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के लिए बैग ख़रीदे थे लेकिन यह सभी बैग आचार संहिता के दायरे में आ गए थे। तब से ये बैग बेसिक शिक्षा के विभाग के स्टोरों में धूल फांक रहे हैं। नई सरकार के गठन के बाद ये समस्या आई आखिर इन बैगों का क्या किया जाए?
- बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदना इकबाल ने सरकार को पत्र लिखकर पूरे मामले को अवगत कराया था।
- सरकार ने बेसिक शिक्षा अधिकारी के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि आप अखिलेश के फोटो लगे बैग बांट सकते हैं। लेकिन अचानक सरकार ने सरकारी स्कूलों में अखिलेश फोटो लगे बैगों के वितरण पर रोक लगा दी।
- तब से यह बैग बेसिक विभाग के स्टोरों में डंप पड़े है।
शिक्षा विभाग से जुड़े जानकर बताते है अगर समय रहते इन बैगों को नहीं बांटा गया तो जल्दी यह ख़राब होने की स्थिति में आ जायेंगे और जनता की मेहनत से खरीदी गई लाखों रूपये की कीमत के बैग ख़राब हो जायेंगे।
बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदना राम इक़बाल यादव का कहना है कि स्टोरों में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के फोटो लगे करीब 35 हजार बैग पड़े है। इसके बारे में उप निदेशक बेसिक को बताया जा चुका है। जैसे आदेश मिलेंगे उसके अनुसार काम करेंगे। वही सपा के जिला अध्यक्ष शुभलेश यादव का कहना है कि योगी सरकार छोटी मानसिकता से काम कर रही है वरना वह बैगों का स्कूलों में वितरण करा देती।
योगी सरकार में गरीब बच्चों के स्वेटर का भी कोई आता पता नहीं:
- योगी सरकार ने प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए ड्रेस के साथ जूते मोजे के साथ स्वेटर देने की घोषणा की थी।
- बच्चों को घोषणा के अनुरूप ड्रेस, जूते-मोंजे नसीब हो गए लेकिन इतनी ठंड के बाद भी स्वेटर नहीं मिल पाए।
- सरकार ने बच्चों को स्वेटर देने के लिए टेंडर भी जिले वार निकाले लेकिन कम कीमत मिलने के चलते लोगों ने टेंडर लेने में रूचि नहीं दिखाई जिसके चलते प्राइमरी स्कूल के हजारों बच्चों को स्वेटर नहीं मिल पाए।
- जानकारी के मुताबिक सरकार की शर्त है वह 200 रुपए की कीमत तक ही प्रत्येक बच्चों को स्वेटर दिलाना चाहती है।
- साथ ही टेंडर में रूचि रखने वाले व्यक्ति को स्वेटर देने के एवज में आधी रकम तुरंत और आधी रकम गुणवत्ता के आधार पर देगी। लेकिन बिक्रेता सरकार की शर्त पर नहीं आये तो बेसिक विभाग ने इसकी जिम्मेदारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को दे दी।
- इस काम को पूरा करने की स्कूलों के प्रधानाध्यापक ने ले तो ली लेकिन जनवरी के अंत तक भी उसे विभाग की तरफ से एक रुपए नहीं मिले।
- तब प्रधानाध्यापक स्कूल के बच्चों को चाहकर भी स्वेटर नहीं दिला पाए।
न्यूजट्रेक ने कुछ स्कूल में जाकर जानने की कोशिश की किस स्कूल में कितने बच्चों को स्वेटर मिले है।
ये है रिपोर्ट:
- फतेहगंज ब्लॉक के स्कूल राफियाबाद के प्राइमरी स्कूल में 58 बच्चों में केवल 10 बच्चों को स्वेटर नसीब हुए है।
- इसी तरह माधोपुर में 245 बच्चों में 35 बच्चे को स्वेटर मिले, दाड़ा में 65 बच्चों में केवल 7 बच्चों को स्वेटर मिले, खजुरिया में 101 बच्चों में केवल 10 बच्चों को स्वेटर मिले, इस तरह ब्लॉक के सभी स्कूलों में केवल 5 प्रतिशत तक स्वेटर का वितरण हुआ है।
स्कूलों से मिले आंकड़ों के आधार पर सरकार के दावों की पोल खुल गई हैं। वहीं बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि सर्द मौसम समाप्त होने को है पर अभी तक स्वेटर का अता पता नहीं।