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UP Politics: अखिलेश यादव ने कसा तंज, भाजपा ने जनता को लूटने की नई-नई तरकीबों को खोजने में ही 6 साल लगा दिए
UP Politics: भाजपा राज में जनपद बस्ती में बनी बनाई पुलिया के निर्माण के लिए पीडब्लूडी ने दुबारा धन स्वीकृत करा लिया। लेकिन पुलिया बनी नहीं 47 लाख की धनराशि का अतापता नहीं चला।
Akhilesh Yadav taunted on BJP (Social Media)
UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा और उसके उद्योगपति मित्रों ने जनता को लूटने की नई-नई तरकीबों को खोजने में ही 6 साल लगा दिए हैं। अपने भ्रष्टाचार का बोझ जनता पर लादने की उनकी होशियारी लेकिन ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं है। उनके झूठे दावों की पोल खुल रही है। लोग समझ रहे हैं कि भाजपा सरकार के रहते न तो जनता का भला हो सकता है और न ही कोई विकास हो सकता है।
सड़के बनाए नही, टोलटैक्स वसूली के लिए तैयारी शुरू-अखिलेश यादव
उन्होने कहा कि भाजपा राज में सड़के बनी नहीं हैं, गड्ढे भरे पड़े हैं। लेकिन भाजपा सरकार ने जनता से टोलटैक्स वसूली के लिए तैयारी कर ली है। पूरे उत्तर प्रदेश में सड़कों का बुरा हाल है। राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट और जी-20 के डेलीगेट्स के सम्मान में मुख्य मार्ग तो फूलों और रंगबिरंगी चाईनीज झालरों से सजा दिए गए। लेकिन बाकी शहरवासी अपनी किस्मत पर रोते रहे। मुख्यमंत्री आवास से ठीक सामने की हजरतगंज जाने वाली पार्क रोड सड़क इन महोत्सवों में भी वीरान पड़ी रही। वहां न सफाई, न पुताई और न ही सड़क की मरम्मत हुई।
वीआईपी रूटों का भी खस्ताहाल
उन्होने कहा कि वीवीआईपी क्षेत्र की विक्रमादित्य मार्ग की सड़क बहुत ही ऊंची नीची है। इस पर चलते समय गाड़ियां झूले का एहसास कराती है। यहां कभी भी दुर्घटना हो सकती है। इसी सड़क से माननीय न्यायाधीश और मुख्य सचिव भी गुजरते हैं।
भाजपाई जनता के साथ कैसा खिलवाड़ कर रहे हैं। इसकी ताजा मिसाल यह है कि गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य चल तो रहा हैं, पर कब पूरा होगा यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं है। यानी जनता भले ऊबड़ खाबड़ रास्ते पर चले, सड़क बने या न बने भाजपा सरकार से कोई सरोकार नहीं है। पर उद्योगपति मित्रों के लिए बेलीपार के पास टोल प्लाजा बनकर तैयार है।
सत्ता संरक्षण में हो रहा भ्रष्टाचार
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में जनपद बस्ती में बनी बनाई पुलिया के निर्माण के लिए पीडब्लूडी ने दुबारा धन स्वीकृत करा लिया। लेकिन पुलिया बनी नहीं 47 लाख की धनराशि का अतापता नहीं चला। सत्ता संरक्षण में भ्रष्टाचार की ऐसी अनेक कहानियां है। भाजपा का भ्रष्टाचारी तंत्र दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है जिसे महोत्सवों की चकाचौंध में होशियारी से छुपाने की साजिशें हो रही हैं।