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Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव ने किया बड़ा ऐलान, कन्नौज सीट से लड़ेंगे 2024 का लोकसभा चुनाव
Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2024 की सियासी जंग के लिए अपने सियासी पत्ते खोल दिए हैं।
Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2024 की सियासी जंग के लिए अपने सियासी पत्ते खोल दिए हैं। उन्होंने अगला लोकसभा चुनाव कन्नौज संसदीय सीट से लड़ने का ऐलान किया है। कन्नौज संसदीय सीट से ही अखिलेश यादव ने अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी। सियासत की दुनिया में कदम रखने के लिए उन्होंने पहली बार 2000 में कन्नौज संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी। वे लगातार तीन बार इस संसदीय सीट से चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे।
कन्नौज से सांसद रहने के दौरान ही वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया था। कन्नौज सीट पर मुलायम परिवार की मजबूत पकड़ मानी जाती रही है। इस सीट से अखिलेश के पिता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव भी सांसद रह चुके हैं।
गढ़ पर कब्जा बनाए रखने की कोशिश
सपा मुखिया अखिलेश यादव इन दिनों मैनपुरी संसदीय सीट पर हो रहे हो चुनाव में अपनी पत्नी डिंपल यादव का चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए हैं। शिवपाल सिंह यादव ने भी डिंपल यादव की जीत के लिए मैनपुरी में बड़ा अभियान छेड़ रखा है। शिवपाल और अखिलेश यादव के एकजुट होकर मैनपुरी में चुनाव प्रचार करने से डिंपल यादव की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। ऐसे में अखिलेश यादव ने अपने पिता की संसदीय सीट मैनपुरी डिंपल के हवाले करके कन्नौज संसदीय सीट से उतरने का मन बनाया है।
अखिलेश यादव ने अपनी भावी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि जहां से मैं पहली बार चुनाव मैदान में उतरा था, वहीं से फिर चुनाव लड़ लूंगा। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही यह भी जोड़ा कि इस संबंध में पार्टी का फैसला ही आखिरी होगा।
जानकारों का मानना है कि सपा का गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों पर अखिलेश अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहते। इसलिए मैनपुरी से डिंपल को चुनाव मैदान में उतारने के बाद अब उन्होंने खुद कन्नौज से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
मुलायम भी रह चुके हैं सांसद
कन्नौज संसदीय क्षेत्र को मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने इस संसदीय सीट पर 1999 में जीत हासिल की थी। 1999 के लोकसभा चुनाव में मुलायम ने मैनपुरी और कन्नौज दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने कन्नौज संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया था।
अखिलेश तीन बार कन्नौज से बने सांसद
मुलायम के इस्तीफा देने पर 2000 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश यादव ने जीत हासिल करके अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी। अखिलेश यादव कन्नौज संसदीय सीट से हैट्रिक लगाने वाले इकलौते सांसद हैं।
अखिलेश ने 2000, 2004 और 2009 के चुनाव में कन्नौज संसदीय सीट से जीत हासिल की। 2012 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया था। उनकी खाली की हुई सीट पर उनकी पत्नी डिंपल यादव निर्विरोध सांसद चुनी गई थीं।
पिछले चुनाव में डिंपल को मिली थी हार
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा का गढ़ माने जाने वाला कन्नौज सपा के हाथ से निकल गया था। 2019 के चुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने 21 साल बाद ही सीट पर कमल खिलाने में कामयाबी हासिल की थी। 2019 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक और डिंपल के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था जिसमें सुब्रत पाठक ने 12086 वोट से जीत हासिल की थी।
कई निशाने साधने का प्रयास
सियासी जानकारों का मानना है कि कन्नौज से चुनाव लड़कर अखिलेश यादव कई निशाने साधना चाहते हैं। वे समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाली सीट पर कब्जा करने के साथ ही 2019 में मिली हार का बदला भी लेना चाहते हैं। इसी कारण उन्होंने काफी पहले बड़ा ऐलान करते हुए 2024 में कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरने की बात कही है।
2019 के चुनाव में पहले अखिलेश के ही कन्नौज से लड़ने की चर्चा थी मगर बाद में उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल को यहां से उतार दिया था। अब वे 2024 का लोकसभा चुनाव की सीट से लड़कर 2019 की हार का बदला लेना चाहते हैं।