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Terror Activity In UP: नेपाल के रास्ते यूपी में दाखिल होना चाहते हैं अलकायदा के आतंकी, मदरसों के जरिए घुसपैठ की कोशिश

Terror Activity In UP: यूपी एटीएस ने बताया कि बड़े पैमाने पर अलकायदा इंडिनय सब कांटिनेंट और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकी भारत में घुसपैठ को तैयार बैठे हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 12 Oct 2022 3:04 AM GMT
Al Qaeda terrorists want to enter UP via Nepal, try to infiltrate through madrassas
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नेपाल के रास्ते यूपी में दाखिल होना चाहते हैं अलकायदा के आतंकी: Photo- Social Media

Lucknow: उत्तर प्रदेश में गैर–मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे पर मचे सियासी हंगामे के बीच यूपी एटीएस ने बड़ा खुलासा किया है। यूपी एटीएस (UP ATS Revealed) ने पिछले दिनों नेपाल सीमा से गिरफ्तार कुछ संदिग्धों से पूछताछ के आधार पर बताया कि बड़े पैमाने पर अलकायदा इंडिनय सब कांटिनेंट (एक्यूआईएस) और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकी भारत में घुसपैठ को तैयार बैठे हैं। इनकी कोशिश नेपाल सीमा (Nepal border) के रास्ते यूपी में दाखिल होने की है।

एटीएस के मुताबिक, यूपी – नेपाल सीमा पर मौजूद मदरसों के जरिए ये आतंकी घुसपैठ (Terrorist infiltration through madrassas) कर सकते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, एक्यूआईएस और जेएमबी के आतंकी धार्मिक पढ़ाई या टूरिस्ट वीजा के नाम पर नेपाल सीमा से यूपी में दाखिल होते हैं। इसके बाद वे सीमावर्ती इलाकों में स्थित मदरसों में धार्मिक पढ़ाई करते हैं। इन आतंकी संगठनों के कुछ नुमाइंदे यूपी के मुस्लिम बहुल जिले जैसे सहारनपुर, बागपत, बांदा, आजमगढ़ जैसी जगहों पर भी जाते हैं और कुछ सालों तक रह कर धार्मिक पढ़ाई करते हैं।

नेपाल सीमा से एसटीएफ ने कई आतंकवादियों को दबोचा

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने पिछले दिनों गुप्त सूचना के आधार पर नेपाल सीमा से मुदस्सिर, कामिल और अलीनूर को दबोचा था। मुदस्सिर ने ही बांग्लादेशी आतंकी अब्दुल्लाह ताल्हा व अलीनूर को शरण दी थी। ताल्हा फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश यूपी एटीएस और पश्चिम बंगाल की एसटीएफ कर रही है।

Photo- Social Media

सीमावर्ती जिलों में संचालित मदरसे रडार पर

यूपी एटीएस को पिछले दिनों श्रावस्ती जिले में नेपाल सीमा पर कई अवैध मदरसे संचालित होने की जानकारी मिली थी। वहां दूसरे राज्यों के बच्चों को धार्मिक तालीम दी जा रही है। इन मदरसा संचालकों का कहना है कि वह चंदे और जकात में मिले पैसे के जरिए इसका संचालन कर रहे हैं, जबकि स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि ये चंदा दे सकें। ऐसे में शक है कि इन्हें किसी गुप्त स्त्रोत से फंडिंग हो रही है।

बता दें कि पिछले चार महीनों में अलकायदा इंडिनय सब कांटिनेंट (एक्यूआईएस) और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के 60 से अधिक आतंकियों को असम, पश्चिम बंगाल और यूपी से गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच एजेंसियां इनके नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी हुई है।

Shashi kant gautam

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