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Aligarh News: ब्रज की चौरासी कोस परिक्रमा से 56 गांव काटने पर मालवा गांव के लोगों में देखा गया उबाल

Aligarh News: चौरासी कोस की परिक्रमा से 56 गांव को काट दिया। जिसमें हमारा मालवा गांव भी आता है। जब उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा 84 कोस की गांव को लेकर किसी तरह की योजना नहीं बनाई थी।

Lakshman Singh Raghav
Published on: 18 Jan 2023 4:58 PM GMT
Aligarh Braj Chaurasi Kos Parikrama
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Aligarh Braj Chaurasi Kos Parikrama (Social Media)

Aligarh News: हिंदुस्तान को ईश्वर की दूसरी धरती के रूप में जाना जाता है। क्योंकि हिंदुस्तान में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक धर्म स्थलों का संगम देखने को मिलता है। प्राचीन काल से इस धरोहर को हिंदुस्तान के लोग सहेजते आये हैं। हिंदुस्तान को राम और कृष्ण की तपोभूमि के नाम से पूरे संसार के लोग जानते और पहचानते हैं। हिंदुस्तान में विश्व भर से लोग राम और कृष्ण के संगम को अपने विचारों में धरोहर के रूप में अपने साथ अपने देश भी ले जाते हैं। प्राचीन काल से चली आ रही राम और कृष्ण की धरोहर को चंद् लालच के चक्कर में माननीय खंडन करने से भी परहेज नहीं कर रहे है।

दरअसल मामला अलीगढ़ टप्पल थाना क्षेत्र के अंतर्गत मालवा गांव का है। बताया जाता है कि ब्रज की चौरासी कोस की परिक्रमा में मालवा गांव भी अपना स्थान रखता है। लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा चौरासी कोस की परिक्रमा में आने वाले गांव के विकास के लिए अलग से बजट की योजना बनाई है। जिससे चौरासी कोस की परिक्रमा लगाने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना ना करना पड़े, वही मालवा गांव के निवासियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जैसे ही 84 कोस के गांव के विकास के लिए बजट की योजना बनाई है इसी के चलते मथुरा के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण जोकि छाता से विधायक है।

उन्होंने चौरासी कोस की परिक्रमा से 56 गांव को काट दिया। जिसमें हमारा मालवा गांव भी आता है। जब उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा 84 कोस की गांव को लेकर किसी तरह की योजना नहीं बनाई थी। तो सभी गांव को यथावत स्थिति में रखा गया था। लेकिन सरकार के द्वारा जैसे ही चौरासी कोस गांव के विकास की योजना बनाई योजना के बाद से ही कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण मालवा गांव से होने जाने वाली चौरासी कोस के रास्ते को अपने गांव छाता से होकर निकाला है। जिससे उनके गांव का विकास हो सके और हमारे गांव को अनदेखा किया गया है।

आज हमने लक्ष्मी नारायण मंदिर में इस मामले को लेकर पंचायत की है यदि चौरासी कोस की परिक्रमा में हमारा गांव शामिल नहीं हुआ तो हम आमरण अनशन करेंगे और अपने गांव को चौरासी कोस परिक्रमा से अलग नहीं होने देंगे।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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