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Aligarh News: 2 महीने से भूखा है 5 बच्चों समेत महिला का परिवार, हालत ऐसी हो गयी कि अस्पताल में करना पड़ा भर्ती

Aligarh News: यूपी के अलीगढ़ में एक महिला और उसके 5 बच्चे 2 महीने से खाने के लिए तरस गए। नौबत यहां तक आ गई कि पिछले दस दिनों से परिवार के सदस्यों ने रोटी नहीं खाई। पूरे परिवार के सदस्यों की भूखे रहने के कारण तबियत खराब हो गई। जिन्हें अब मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 16 Jun 2021 8:57 AM GMT
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 अस्पताल में भर्ती भुखमरी का शिकार परिवार 

Aligarh News: यूपी के अलीगढ़ (Aligarh) में दिल को झकझोर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। एक महिला और उसके 5 बच्चे 2 महीने से खाने के लिए तरस गए। आस पड़ोस में से अगर किसी ने परिवार के छह सदस्यों के बीच 4-6 रोटियां दे दीं तो उन्हीं को खाकर पानी पीकर गुजारा कर लिया। नौबत यहां तक आ गई कि पिछले दस दिनों से परिवार के सदस्यों ने रोटी नहीं खाई। पूरे परिवार के सदस्यों की भूखे रहने के कारण तबियत खराब हो गई। जिन्हें अब मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि अब उनका डॉक्टर्स ख्याल रख रहे हैं और एनजीओ ने भी कुछ मदद पहुंचाई है, लेकिन सरकार कटघरे में फिर सब खड़ी हो गई है।

दरअसल, अलीगढ़ के थाना सासनी गेट इलाके के आगरा रोड स्थित मंदिर नगला में करीब 40 वर्षीय गुड्डी नाम की महिला अपने छोटे-छोटे पांच बच्चों 20 वर्षीय अजय, 15 वर्षीय विजय, 13 वर्षीय बेटी अनुराधा, 10 वर्षीय टीटू व सबसे छोटा बेटा 5 वर्षीय सुंदरम के साथ रहती है। गुड्डी के मुताबिक उसके पति विनोद की बीते वर्ष 2020 में लॉकडाउन (Lockdown) से 2 दिन पूर्व ही गंभीर बीमारी के चलते मृत्यु हो गई, जिसके बाद परिवार का पेट पालने के लिए गुड्डी ने एक फैक्ट्री में 4 हजार रुपये महीने पर काम करना शुरू कर दिया। लेकिन लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री कुछ समय बाद घाटे के चलते पूरी तरह बंद हो गई। उसके बाद गुड्डी को कहीं काम नहीं मिल सका। घर में रखा राशन भी धीरे-धीरे खत्म हो गया और नौबत लोगों द्वारा दिये गए खाने के पैकेट पर निर्भर होने पर आ गई।


फिर गुड्डी के बड़े बेटे अजय ने पिछले लॉकडाउन खुलने के बाद मजदूरी/बेलदारी शुरू कर दी। जिस दिन काम मिल जाता था तो उसी दिन घर का राशन पानी ले आता था। जिस घर में खाने पीने के लाले पड़ रहे थे। भर पेट खाना न मिलने के कारण 13 वर्ष की बेटी अनुराधा की तबियत खराब रहने लगी। धीरे-धीरे परिवार के सभी सदस्य बीमारी की चपेट में आने शुरू हो गए। देखते ही देखते कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी और फिर से लॉकडाउन हो गया। जिसके चलते अजय को जो थोड़ा बहुत मजदूरी मिल जाती थी वह भी बिल्कुल बंद हो गई।


गुड्डी व अजय का कहना है कि पिछले 2 महीने से भरपेट खाना नसीब नहीं हो सका है। क्योंकि परिवार के सभी सदस्यों को बुखार व अन्य बीमारियों ने घेर लिया। जिसके चलते घर से निकलना बंद हो गया। आसपड़ोस के लोग जो भी दे देते उसी से काम चला लिया करते थे। बाकी पानी पीकर सो जाया करते। नौबत यहां तक आ गई कि पिछले 10 दिनों से रोटी नहीं खाई। गुड्डी के मुताबिक इसकी जानकारी उसकी बड़ी बेटी जिसकी शादी हो चुकी है। उसको हुई तो उसके पति ने पूरे परिवार को मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि बेटी दामाद की भी माल्या हालात ठीक नहीं है।


वहीं, मलखान सिंह जिला अस्पताल की इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. अमित को जानकारी हुई कि पिछले काफी वक्त से भूखा एक महिला व उसके 5 बच्चे वार्ड नम्बर 8 में भर्ती कराए गए हैं। तो उन्होंने वहां विजिट करके सभी का हाल चाल जाना और ट्रीटमेंट अपने हिसाब से कराना स्टार्ट करा दिया है। परिवार को भी आश्वस्त किया है कि कोई भी जरूरत हो उनसे संपर्क कर लें। वहीं डॉक्टर अमित ने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों की हालत ठीक नहीं है। जिनमें से अनुराधा समेत 3 बच्चों की हालत क्रिटिकल कंडीशन में है। हालांकि जल्दी ही उन्हें रिकवर कर लिया जाएगा।

इसके अलावा हैंड फ़ॉर हेल्प एनजीओ को इसकी जानकारी हुई तो उसके सदस्य भी मदद के लिए हॉस्पिटल पहुँच गए। एनजीओ के सुनील का कहना है कि वह भी हर सम्भव मदद देने की कोशिश कर रहे हैं।

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