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Aligarh News: अब तक पहन चुके हैं हिंदुस्तान के 10 राष्ट्रपति अलीगढ़ की शेरवानी, लोग करते हैं विदेशों से आर्डर

Aligarh News: अलीगढ़ ताला और तालीम के लिए दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि अलीगढ़ शेरवानी के लिए भी जाना जाता है। अलीगढ़ की शेरवानी ने राष्ट्रपति भवन तक जगह बना ली है। इस शेरवानी को पूर्व राष्ट्रपति डॉ.जाकिर हुसैन से लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक पहन चुके हैं।

Lakshman Singh Raghav
Published on: 28 Sept 2023 11:54 PM IST
Till now 10 Presidents of India have worn Aligarh Sherwani, people order from abroad
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अब तक पहन चुके हैं हिंदुस्तान के 10 राष्ट्रपति अलीगढ़ की शेरवानी, लोग करते हैं विदेशों से आर्डर: Photo- Social Media

Aligarh News: अलीगढ़ ताला और तालीम के लिए दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि अलीगढ़ शेरवानी के लिए भी जाना जाता है। अलीगढ़ की शेरवानी ने राष्ट्रपति भवन तक जगह बना ली है। इस शेरवानी को पूर्व राष्ट्रपति डॉ.जाकिर हुसैन से लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक पहन चुके हैं।

अलीगढ़ शहर के तस्वीर महल चैराहे पर स्थित मेहंदी हसन टेलर की दुकान की शेरवानी के भारत के कई राष्ट्रपति, कई फिल्मी सितारों से लेकर राजनेताओं तक पहन चुके हैं। मेहंदी हसन टेलर की दुकान अपनी बेहतरीन कारीगरी के जरिये अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है। यही कारण है कि अमेरिका, न्यूजीलैंड व सऊदी अरब आदि देशों से शेरवानी बनवाने के लिए यहाँ आर्डर आते हैं। साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से जुड़े अधिकांश लोग यहीं शेरवानी सिलवाने आते हैं।

इतने प्रेसिडेंट सिलवा चुकें हैं शेरवानी

दुकान मालिक अख्तर मेहंदी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारी यह दुकान शेरवानी के लिए स्पेशल तौर पर मशहूर है। हमारे यहां की शेरवानी की खूबी और खासियत यह है कि हम जो शेरवानी बनाते हैं वह बॉडी फिट बनाते हैं। जिस प्रकार बॉडी का स्ट्रक्चर होता है हम उस हिसाब से शेरवानी को शेप देते हैं। यह फन किसी और के पास नहीं है लोग इसी वजह से हमारे पास आते हैं। अब तक हमारे यहां 10 प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की शेरवानी सिल चुकी हैं। चार हमारे वालिद साहब ने बनाई थी। जिसमे डॉ. जाकिर हुसैन, नीलम संजीवा रेड्डी, फखरुद्दीन अली अहमद जैसे नाम शामिल हैं। उसके बाद हमने छह प्रेसिडेंट की शेरवानी बनाई, जिसमे रामनाथ कोविंद, प्रणब मुखर्जी, हामिद अंसारी, एपीजे अबुल कलाम साहब और शंकर दयाल शर्मा शामिल हैँ। वर्ष 1944 में हमारे पिताजी मेहंदी हसन ने ब्रिटिश शासन काल में इस दुकान की शुरुआत की थी। जिसको अब तकरीबन 79 साल हो चुके हैं।

इतने हजार में सिली जाती है शेरवानी

हमारे यहां की शेरवानी लोगों को इसलिए भी ज्यादा पसंद आती है। क्योंकि हमारे यहां अच्छे मटेरियल यूज करने के अलावा हर बॉडी स्ट्रक्चर के हिसाब से खूबसूरत डिजाइन शेरवानी को दिया जाता है। जो लोगों पर अच्छा लगता है। हमारे यहां मिनिमम ₹3500 में शेरवानी सिल जाती है। इसके अलावा शादियों के सीजन में हमारे यहां शेरवानी के साथ के नागरा जूते साथ मे ही दिए जाते हैं। हमारे यहां ऑफ सीजन में 5 से 6 शेरवानी प्रतिदिन सी जाती हैं। हमारे यहां हिंदुस्तान के हर जगह के वह लोग शेरवानी सिलवाने आते हैं। जो शेरवानी पहने का शौक रखते हैं। इसके अलावा जो लोग विदेश में रह रहें लोग भी शेरवानी का आर्डर देते हैं।



Shashi kant gautam

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