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Aligarh News: AMU राइडिंग क्लब की कब हुई थी स्थापना, कैसे बनते हैं मेंबर
Aligarh News: AMU का राइडिंग क्लब विश्वविद्यालय के लिए विशिष्ट पहचान बन गया है। यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी के 15 विभिन्न क्लबों में से राइडिंग क्लब सबसे पुराना और हिंदुस्तान में दूसरा सबसे पुराना हॉर्स राइडिंग क्लब है।
Aligarh News: मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का राइडिंग क्लब विश्वविद्यालय के लिए विशिष्ट पहचान बन गया है। यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी के 15 विभिन्न क्लबों में से राइडिंग क्लब सबसे पुराना और हिंदुस्तान में दूसरा सबसे पुराना हॉर्स राइडिंग क्लब है। जिसमें 20 घोड़े हैं। क्लब के दो सदस्य नेशनल क्वालीफाई कर चुके हैं। जो पंजाब के जालंधर में होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 136 वर्ष पुराने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक मुस्लिम यूनिवर्सिटी राइडिंग क्लब की स्थापना अंग्रेजों के शासन में नवाब मुहम्मद इस्माइल खान शेरवानी ने 1889 में की थी। हिंदुस्तान के केंद्रीय विश्वविद्यालय में सिर्फ एएमयू में राइडिंग क्लब है। जहां छात्र-छात्राएं शिक्षा के साथ हॉर्स राइडिंग करते हैं।
राइडिंग क्लब में ऐतिहासिक विशेष बग्गी है
प्राप्त जानकारी के अनुसार क्लब में विशेष बग्गी, जिसमें बैठ चुके दो पूर्व राष्ट्रपति प्राप्त जानकारी के अनुसार राइडिंग क्लब में ऐतिहासिक विशेष बग्गी है। जिसमें विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह और सर सैयद दिवस के विशेष अतिथि बैठते हैं। और एथलेटिक ग्राउंड कार्यक्रम में भाग लेते हैं।जो विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण परंपराओं में से एक है। इस बग्गी में भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी बैठे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हर साल सिर्फ 150 छात्रों को मिलती क्लब की मेंबरशिप क्लब के राइडिंग इंस्ट्रक्टर इमरान खान ने बताया।कि विश्वविद्यालय के छात्र घुड़सवारी सीखने और प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए राइडिंग क्लब में शामिल होते हैं। एएमयू के राइडिंग क्लब ने टेंट-पैकिंग में काफी नाम कमाया है। यूनिवर्सिटी से हर साल लगभग 500 छात्र-छात्राएं क्लब की सदस्य बनने के लिए फॉर्म भरते हैं। लेकिन सिर्फ 150 अच्छे छात्रों को ही मौका मिलता है। छात्रों को सुबह-शाम घर घुड़सवारी की प्रैक्टिस कराई जाती है। इसके बाद वह राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेकर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करते रहते हैं।
राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेंगे दो सदस्य इंस्ट्रक्टर
प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेंगे दो सदस्य इंस्ट्रक्टर इमरान खान ने बताया। कि क्लब के कप्तान मोहम्मद उमर खान और चंद्रकांत सिंह ने हाल ही में गाजियाबाद में नेशनल क्वालीफाई किया है। अब वह जालंधर में होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे। दोनों ही सदस्यों के साथ क्लब के दूसरे सदस्यों को सुबह-शाम 2 से 3 घंटा ट्रेनिंग कराई जाती है। राइडिंग क्लब के राइडिंग इंस्ट्रक्टर इमरान खान ने बताया। कि हमारा क्लब 1889 से स्थापित है। वर्तमान में 20 घोड़े हैं। और वे सुबह में रोलिंग लिंचिंग खोइरा ब्रश नल्हाना घास आदि का अभ्यास करते हैं। वे प्रतिदिन अभ्यास भी करते हैं। राइडिंग क्लब के अंदर टेंट पैकिंग शो जंपिंग हैगिस जैसे खेल आयोजित किए जाते हैं। इन सभी घोड़ों को यहां प्रशिक्षित किया जाता है। और यहां के लड़के चैंपियनशिप के लिए जाते हैं। एनआईसी जो राष्ट्रीय ध्वनिक चैंपियनशिप में सेना के साथ प्रतिस्पर्धा करती है।
हॉर्स राइडिंग क्लब में यूनिवर्सिटी की छात्राएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही
प्राप्त जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी हॉर्स राइडिंग क्लब में यूनिवर्सिटी की छात्राएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। उनका कहना है। कि हम जब स्कूल में पढ़ते थे। तो हमारा ख्वाब था। कि जब हम यूनिवर्सिटी में आएंगे। तो हम भी एक दिन इस ऐतिहासिक हॉर्स राइडिंग क्लब में हॉर्स राइडिंग सीखेंगे हम अब क्लब के मेंबर बन गए हैं। सुबह शाम यहां पर प्रैक्टिस करने आते हैं। कैप्टन मुहम्मद उमैर खान ने हासिल किया। स्वर्ण पदक एएमयू राइडिंग क्लब के कैप्टन मुहम्मद उमैर खान गुरुकुल दिसंबर महीने में गाजियाबाद में आयोजित राष्ट्रीय क्वालीफायर टेंट पेगिंग चैंपियनशिप में स्टार खिलाड़ी के रूप में उभरे उन्होंने स्वर्ण पदक जीता और एएमयू दल में सर्वोच्च स्कोरर बने। उनके शानदार प्रदर्शन ने उनके साथियों अम्मार सलमान और कृष्णकांत के लिए मार्ग प्रशस्त किया। जिन्होंने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया। और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत की प्रदेश राज्य टेंट पेगिंग चैंपियनशिप में मुहम्मद उमैर खान ने व्यक्तिगत लांस वर्ग में स्वर्ण पदक जीता जबकि कृष्णकांत ने इसी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। इसके अतिरिक्त, गाजियाबाद हॉर्स शो टेंट पेगिंग प्रतियोगिता में मुहम्मद उमैर खान ने व्यक्तिगत तलवार वर्ग में कांस्य पदक जीता।कैसे होती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घोड़ों की देखभाल करने वाले राइडिंग क्लब के एक कर्मचारी कासिम बशीर ने कहा।कि जब हम सुबह आते हैं। तो सबसे पहले हम उन्हें साफ करते हैं। फिर उन्हें उतरने दिया जाता है। फिर उन्हें साफ करने के लिए स्क्रबिंग ब्रश का उपयोग किया जाता है। इसके बाद घोड़ों को अच्छी तरह से धोया और साफ किया जाता है। घोड़ों को बाजरा, चना, चोकर और घास खिलाया जाता है।