Aligarh: हिंदूवादी संगठनों ने मेहंदी के लिए लगाए 40 कैंप, कहा- विशेष समुदाय के लोगों से असुरक्षित महसूस करती थी महिलाएं

Aligarh News : कार्यक्रम संयोजक गौरव हरकुट ने जानकारी दी कि, 'रोजगार भारती' की ओर से करवा चौथ के पर्व पर दो दिन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। हम अपनी हिन्दू बहनों को उचित स्थान उपलब्ध करा रहे हैं।'

Lakshman Singh Raghav
Published on: 31 Oct 2023 5:20 PM GMT
Aligarh News
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Aligarh News: करवा चौथ के मद्देनजर हिन्दू संगठनों ने अलीगढ़ में 40 जगह कैंप लगाए हैं। इन कैंप में हिंदू महिलाएं ही मेहंदी लगाती हैं। दरअसल, हिन्दू महिलाओं की शिकायत थी कि समुदाय विशेष के लोगों से मेहंदी लगवाने में वो असुरक्षित महसूस करती हैं। हिंदूवादी संगठनों का कहना है हमारी महिलाएं विशेष समुदाय के युवकों का शिकार हो जाया करती थी। उन्होंने कहा कि, इससे तमाम हिंदू महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।

कार्यक्रम संयोजक गौरव हरकुट ने जानकारी दी कि, 'रोजगार भारती' की ओर से करवा चौथ के पर्व पर दो दिन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। हम अपनी हिन्दू बहनों को उचित स्थान उपलब्ध करा रहे हैं। यहां उन्हें सुरक्षा का माहौल भी मिलेगा। हम नि:शुल्क मेहंदी लगा रहे हैं। यहां महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

अब सुरक्षित महसूस कर रही हिन्दू महिलाएं

कार्यक्रम संयोजक ने बताया, 'हमारा मुख्य ध्यान अपने ही समुदाय की बहनों को रोजगार देना है। सुरक्षा की गारंटी अलग। इसी मकसद से हम लोगों ने यह पहल की है। पहले दूसरे समुदाय के लोगों से मेहंदी लगवाती थी। हिन्दू महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती थी। हम बेहतर माहौल दे रहे हैं। वह आराम से आए और परिवार की तरह मेहंदी लगवाये। अब सभी बहनें अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

विशेष जानकारी देते हुए कमल कुमार गुप्ता ने बताया, 'यह रोजगार भारती ने दो दिवसीय यह कार्यक्रम चलाया गया है। पहले दिन का कार्यक्रम पूरा हो गया। जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।40 स्टालों पर मेहंदी लगाई गई। 150 कार्यकर्ता बहनों ने काम किया। महिलाओं का उद्देश्य है, कि हमें रोजगार मिले। उन्होंने कहा, मेहंदिया हर जगह लगती आ रही है। हमारा समुदाय चाहता है। हमारी बच्चियों आगे निकलकर आए और अपना टैलेंट दिखाएं।

हिन्दू महिलाएं पहले दूसरे समुदाय के लोगों से मेहंदी लगवाने जाती थी। वह महिलाओं का नंबर ले लिया करते थे। मेहंदी लगाने वाले लोग कलावा हाथ में पहनकर रहते थे। महिलाएं समझती थी, ये हिंदू है। वह अलग समुदाय के लोग होते थे। फिर महिलाओं को बाद में परेशान किया करते थे। मोबाइल नंबर मिलकर महिलाओं को परेशान किया करते थे। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। लव जिहाद होता है। फिर शादी के चक्कर में आती हैं। अन्य समुदाय के आदमी परेशान करते हैं।

मेहंदी लगवाने आई रागिनी गुप्ता ने जानकारी दी कि, 'रोजगार भारती की ओर से यहां बहुत अच्छा कार्यक्रम हो रहा है। मेहंदी उत्सव आयोजित किया गया है। बहुत ही अच्छा माहौल है। यहां का, पहले जब हम मेहंदी लगवाने जाते थे। असुरक्षित महसूस करते थे। अब यहां का माहौल बहुत ही अच्छा है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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