Aligarh News: किसानों के वाहनों से संगठन पट्टिका, झंडी,माइक उतारें तो, समूचे उत्तर प्रदेश में संयुक्त श्रमिक किसान मोर्चा के घटक संगठन आंदोलन को होंगे बाध्य

Aligarh News: जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा मा० मुख्यमंत्री महोदय के आदेश का दुरूपयोग करते हुए, किसानों के साथ सौतेला व द्वेष भावना पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।

Lakshman Singh Raghav
Published on: 5 July 2024 1:04 PM GMT (Updated on: 5 July 2024 1:05 PM GMT)
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Aligarh News:- संयुक्त श्रमिक किसान मोर्चा के घटक संगठनों द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन प्रेषित किया गया। मोर्चा सह -संयोजक जितेंद्र शर्मा ने कहा कि मोर्चे के घटक संगठन द्वारा आज़ समूचे उत्तर प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किए जा रहे हैं। उक्त क्रम में अलीगढ़ कलैक्ट्रेट पर मोर्चे के घटक संगठन भाकियू हिन्दुस्तान जिलाध्यक्ष रिजवान खान, भाकियू अजगर जिलाध्यक्ष चिंटू भईया, किसान यूनियन एकता शक्ति संगठन जिलाध्यक्ष मोहम्मद आमिर, बेरोजगार मजदूर किसान यूनियन ब्लाक अध्यक्ष ठाकुर तेजवीर सिंह, भाकियू चढूनी, किसान सेना, राष्ट्रीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं द्वारा तस्वीर महल चौराहे से नारेबाजी करते हुए। कलैक्ट्रेट पर ज्ञापन प्रेषित किया गया है।

जिलाधिकारी कक्ष पर एसीएम महोदय ने आकर ज्ञापन लिया। ज्ञापन प्रेषित कर महामहिम राज्यपाल से मोर्चे के घटक संगठनों के किसानों साथ उत्तर प्रदेश में मा० मुख्यमंत्री के विगत दिवस किए आदेश वीआईपी कल्चर व सायरन लाल नीली बत्ती या जाति विशेष को लेकर वाहनों पर लिखावट किए जाने संबंधी कार्यवाही को अमल में लाने के लिए। उत्तर प्रदेश के जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। आदेश के अनुपालन में वीआईपी कल्चर को निगरानी करते हुए। आदेश का पालन किया जाना अति आवश्यक है। लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा मा० मुख्यमंत्री महोदय के आदेश का दुरूपयोग करते हुए। किसानों के साथ सौतेला व द्वेष भावना पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।


मोर्चा इसकी निंदा करता है। जबकि मोर्चे के घटक किसान संगठन एवं सामाजिक संगठन राजनैतिक संगठन न होकर अराजनैतिक सामाजिक किसान मजदूर की समस्याओं को शासन प्रशासन द्वारा दूर कराने के लिए किसान मज़दूर हितों की बात रखने वाले अराजनैतिक संगठन है। पुलिस प्रशासन द्वारा वाहनों से किसान संगठन पट्टिका व झंडा एवं माइक उतारने का भी कई जगह मामला प्रकाश में आया है। किसानों के वाहनों पर माइक ग्रामीण आंचल में जन-चौपाल लगाकर माइक का काम करते है। उन्हें हूटर या साइरन का नाम देना अनुचित है। किसान हित को देखते हुए। सम्बंधित जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को आदेशित किया जाना अति आवश्यक है कि किसानों के वाहनों से माइक, संगठन पट्टिका व झंडा से छेड़छाड़ करना किसानों का अपमान है।

जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली में सुधार नहीं आता है। तो संयुक्त श्रमिक किसान मोर्चा के बैनर तले सभी घटक संगठनों द्वारा समूचे उत्तर प्रदेश में सड़कों पर उतरने को विवश होना पड़ेगा, प्रदर्शन या आंदोलनों में किसी प्रकार की घटना दुर्घटना होती है। तो उसकी ज़बाब देही प्रदेश सरकार और सम्बंधित जिला पुलिस प्रशासन की होगी। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में भाकियू हिन्दुस्तान, भाकियू अजगर, बेरोजगार मजदूर किसान यूनियन, भाकियू चढूनी, किसान यूनियन एकता शक्ति संगठन, राष्ट्रीय किसान यूनियन के सैकड़ों किसानों की उपस्थिति रहीं।

Shalini singh

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