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Aligarh News: शुगर, हार्ट और बीपी के मरीजों के लिए रोज़ा फायदेमंद या खतरनाक? जानें डॉक्टरों की सलाह
Aligarh News: रोज़ा रखने से पहले सभी मरीजों को डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियां घर कर जाती हैं, लेकिन रमज़ान के इस पवित्र महीने में कोई भी मुस्लिम खुदा की इबादत का मौका गंवाना नहीं चाहता।
शुगर, हार्ट और बीपी मरीजों के लिए रोज़ा फायदेमंद या खतरनाक (photo: social media )
Aligarh News: रमजान के पाक महीने में करोड़ों मुस्लिम रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास रखना इस महीने की खास परंपरा है। लेकिन हार्ट, शुगर और ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हेल्थ सर्विस के सीएमओ डॉक्टर शरीक अकील ने कुछ महत्वपूर्ण सलाह जारी की हैं, जो ऐसे मरीजों के लिए जानना जरूरी है।
ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए रोज़ा फायदेमंद
डॉ. शरीक अकील के अनुसार, ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए रोजा फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें खाने-पीने की मात्रा सीमित हो जाती है और नमक का सेवन कम होता है। जो लोग पहले से ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे हैं, वे दवा जारी रख सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
शुगर के मरीजों को रहना चाहिए सतर्क
शुगर के मरीजों के लिए रोजा रखना जोखिम भरा हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका HBA1C स्तर 8 से अधिक हो। ऐसे मरीजों को डॉक्टर से सलाह लेकर ही रोज़ा रखना चाहिए क्योंकि रोज़े के दौरान ब्लड शुगर का स्तर अचानक कम या ज्यादा हो सकता है। हल्के शुगर मरीज रोज़ा रख सकते हैं, लेकिन तली-भुनी चीजों से बचें और फलों का अधिक सेवन करें। खजूर खाना सुन्नत है, लेकिन इसे भी सीमित मात्रा में ही खाएं।
हार्ट पेशेंट्स के लिए क्या जरूरी?
दिल के मरीजों को रोज़ा रखने से पहले अपना मेडिकल चेकअप जरूर कराना चाहिए। पानी की कमी से डीहाइड्रेशन हो सकता है, जो दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए ऐसे मरीजों को अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर ही रोज़ा रखना चाहिए और अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
डॉक्टरों की सलाह– रोज़ा से पहले लें परामर्श
रोज़ा रखने से पहले सभी मरीजों को डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियां घर कर जाती हैं, लेकिन रमज़ान के इस पवित्र महीने में कोई भी मुस्लिम खुदा की इबादत का मौका गंवाना नहीं चाहता। ऐसे में जरूरी है कि हार्ट, शुगर और बीपी मरीज रोज़े के दौरान अपनी सेहत का ध्यान रखें और नियमित दवा, आहार और शारीरिक गतिविधियों को बनाए रखें।
रमज़ान के दौरान ऐसे मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए ताकि सेहत पर कोई बुरा असर न पड़े और इबादत भी पूरी की जा सके।