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Aligarh News : 102 एवं 108 एंबुलेंस सेवा के ईएमटी के पहले बैच का दो दिवसीय प्रशिक्षण हुआ

Aligarh News : उत्तर प्रदेश की 108 एवं 102 एंबुलेंस सेवा के प्रांतीय एवं मंडलीय अधिकारियों के निर्देशन में प्रदेश के 19 क्लस्टरों में रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है।

Lakshman Singh Raghav
Published on: 26 Aug 2024 3:42 PM IST
Aligarh News : 102 एवं 108 एंबुलेंस सेवा के ईएमटी के पहले बैच का दो दिवसीय प्रशिक्षण हुआ
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Aligarh News : उत्तर प्रदेश की 108 एवं 102 एंबुलेंस सेवा के प्रांतीय एवं मंडलीय अधिकारियों के निर्देशन में प्रदेश के 19 क्लस्टरों में रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है। ये प्रोग्राम अलीगढ़ के पंडित दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त जिला चिकित्सालय के सभागार में आयोजित किया गया। बता दें कि जनपद अलीगढ, बुलन्दशहर, हापुड, गौतमबुद्ध नगर, गाज़ियाबाद के 30 इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियनों का दो दिवसीय प्रशिक्षण चल रहा है। हर बैच में 30 इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियनों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर मोहम्मद अरशद ने बताया बताया कि प्रशिक्षण के लिए लखनऊ मुख्यालय से आए ट्रेनर संजीव एवं ऑडिटर मोहम्मद शोएब ने विभिन्न प्रकार की मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि उन्हें आपातकालीन स्थिति में मरीजों को अस्पताल ले जाते वक्त उन्हें आवश्यकता पड़ने पर आवश्यक प्राथमिक उपचार देने के गुर दिए। मोहम्मद अरशद ने बताया कि 108 एवं 102 एंबुलेंस सेवा के प्रांतीय एवं मंडलीय अधिकारियों के निर्देशन में पूरे उत्तर प्रदेश में 19 क्लस्टरों में प्रशिक्षण कार्यक्रम 21 अगस्त, 2024 से शुरू हो गया है। इसी क्रम में जनपद अलीगढ के पंडित दीनदयाल संयुक्त चिकित्सालय के सभागार में शुरू हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में अलीगढ, बुलन्दशहर, हापुड, गौतम बुद्ध नगर, गाज़ियाबाद जनपदों में संचालित 108 एवं 102 एंबुलेंस सेवा के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियनो ने प्रतिभाग किया।

दूसरे दिन भी दिया गया प्रशिक्षण

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन ट्रेनरों ने बताया कि जैसे ही हम सीन पर पहुंचते हैं, सबसे पहले हमें सीन सेफ्टी को देखकर पेशेंट का लेवल ऑफ कांशियस चेक करके उनका ABC चेक करना है। ब्लड प्रेशर 120/80 एमएम एचजी श्वसन दर 12 से 20 ब्रीथ / मिनट, ऑक्सीजन लेवल 95 से 100 रहना चाहिए। वहीं, पल्स रेट 60 से 90 बिट्स / मिनट, शुगर लेवल 70 से 200 एमजी / डीएल रहना चाहिए। ये भी बताया कि किसी भी ट्रॉमा केस में हमेशा स्पाइन बोर्ड, सी कॉलर और हेड इमोब्लाइजर किट का इस्तेमाल करें और फ्रैक्चर होने पर स्कूप स्ट्रेचर व एयर स्प्लिंट का इस्तेमाल करें। साथ ही सीजनल बीमारियां जैसे हीट स्ट्रोक, दस्त और सांप के काटने के मरीजों के लक्षण व उपचार के बारे में भी बताया गया। एंबुलेंस सेवा के जिला प्रोग्राम मैनेजर मोहम्मद अरशद एवं कोऑर्डिनेटर चन्द्र शेखर तथा प्रेम शर्मा ने भी प्रशिक्षण प्राप्त किया।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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