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IPS Prabhakar Chaudhary: कौन हैं आईपीएस प्रभाकर चौधरी, जो बने अलीगढ़ जिले के नये DIG
IPS Prabhakar Chaudhary: अलीगढ़ के डीआईजी प्रभाकर चौधरी मूल रूप से अंबेडकरनगर जनपद के हंसवर थाना क्षेत्र के गांव मेढ़ी सुलेम के पुरवा महमूदपुर के रहने वाले हैं।
IPS Prabhakar Chaudhary: बीते दिनों यूपी सरकार ने बड़े पैमाने पर प्रशासनिक और पुलिस महकमे के अधिकारियों का स्थानांतरण किया है। इस फेरबदल में आईपीएस प्रभाकर चौधरी को अलीगढ़ का नया डीआईजी तैनात किया गया है। नवागत डीआईजी प्रभाकर चौधरी ने अलीगढ़ पहुंचकर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। साल 2010 बैच के आईपीएस प्रभाकर चौधरी की गिनती बेहद तेज-तर्रार पुलिस अफसरों में होती हैं। अलीगढ़ में डीआईजी पद का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि मंडल के सभी जनपदों में कानून व्यवस्था बेहतर बनाना और अपराधों पर अंकुश लगाना ही उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
कौन हैं आईपीएस प्रभाकर चौधरी
अलीगढ़ के डीआईजी प्रभाकर चौधरी (Prabhakar Chaudhary IPS) मूल रूप से अंबेडकरनगर जनपद के हंसवर थाना क्षेत्र के गांव मेढ़ी सुलेम के पुरवा महमूदपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता पारस नाथ चौधरी किसान हैं। आईपीएस प्रभाकर चौधरी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पीसीएम से बीएससी किया। इसके बाद एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की है। प्रभाकर चौधरी अपनी निजी जिंदगी बेहद सादगी के साथ जीते हैं। उनकी शादी मिर्जापुर जनपद में हुई है। इनकी पत्नी प्रियंका सिंह गृहणी हैं। आईपीएस प्रभाकर चौधरी के दो पुत्र समिक्ष और सोमांस हैं।
साल 2010 के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी ने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता हासिल की है। प्रभाकर चौधरी देवरिया, बलिया, बिजनौर, बुलंदशहर और कानपुर देहात में पुलिस अधीक्षक पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इसके साथ ही वह मुरादाबाद, वाराणसी, मेरठ और आगरा में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कार्यभार देख चुके हैं। अब उन्हें अलीगढ़ में डीआईजी की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। प्रभाकर चौधरी की छवि बेहद तेज-तर्रार अधिकारी की हैं। उनके काम करने का तरीके भी बिल्कुल अलग है। ईमानदार छवि के चलते आईपीएस प्रभाकर चौधरी की अलग ही पहचान है।
जब टेंपों में बैठकर तैनाती देने पहुंचे थे प्रभाकर चौधरी
आईपीएस प्रभाकर चौधरी की सादगी सभी के लिए मिसाल है। साल 2016 में जब उन्हें कानपुर देहात का पुलिस अधीक्षक बनाया गया था। इस किस्सा उस समय का ही है। देवरिया से तबादला होने के बाद जब उन्हें सरकारी गाड़ी नहीं मिली तो वह बस से ही कानपुर देहात के लिए निकल पड़े। कानपुर देहात में बस स्टैंड पर उतरकर टेंपों से एसपी आवास पहुंचे। एसपी आवास पर तैनात गार्ड उन्हें पहचान नहीं सके। लेकिन जब उन्होंने अपना परिचय दिया तो गार्ड हैरान रहे गये। पीठ पर एक बैग, बगैर गाड़ी और सुरक्षा के उन्हें वहां देख सभी हैरत में पड़ गये थे। लेकिन इसके बावजूद भी गार्ड को यकीन नही हुआ तो प्रभाकर चौधरी ने अपना आईडेंटिटी कार्ड दिखाया। इसके बाद प्रभाकर चौधरी आवासीय ऑफिस में पहुंचे थे।