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आखिर कौन है माफिया डॉन मुख्तार अंसारी, जानें क्या है इनका इतिहास
लखनऊ: माफिया से राजनीतिज्ञ बने मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के मंगलवार को समाजवादी पार्टी में विलय से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सपा के सूत्रों के अनुसार पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और सीएम अखिलेश यादव सपा आलाकमान के इस फैसले से काफी नाराज हैं ।इस विलय को रोकने में वो असहाय नजर आए। सीएम के नाराज होने की वजह मुख्तार अंसारी की आपराधिक गतिविधियां रही हैं ।
एक नजर में मुख्तार अंसारी
-माफिया और गैंगेस्टर से राजनीतिज्ञ बने मुख्तार अंसारी गाजीपुर के हैं और मऊ सीट से चार बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं ।
-मुख्तार ने पहले दो चुनाव बसपा के टिकट पर जीता और बाद में दो चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीते।
-मुख्तार 2007 में बसपा में शामिल हुए और 2009 का लोकसभा चुनाव वाराणसी सीट से लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
-आपराधिक गतिविधियों के कारण बसपा प्रमुख मायावती ने मुख्तार को 2010 में पार्टी से निकाल दिया।
-बसपा से निकाले जाने के बाद मुख्तार ने अपने भाई अफजाल अंसारी के साथ मिल कौमी एकता दल नाम से नई पार्टी का गठन किया।
विधायक मुख्तार
-मऊ मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र है इसीलिए मुख्तार इस सीट से चुनाव लड़ना पसंद करते हैं जबकि उनके विपक्षी हिंदू वोटों पर निर्भर रहते हैं।
-जाति के आधार पर हिंदू वोटों के बंटवारे के कारण मुख्तार को जीत मिलती रही है।
-मुख्तार के कारण ही मऊ साम्प्रदायिक रुप से संवेदनशील रहा है।
-लोगों को हिंसा के लिए भड़काने के आरोप में मुख्तार अंसारी को एक बार हिरासत में भी लिया गया था।
क्यों जेल में हैं मुख्तार
-बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के जुर्म में मुख्तार अंसारी अभी जेल में हैं।
-कृष्णानंद राय पर 29 नवंबर 2005 को एके 47 रायफल से गोलियां चलाईं गई थीं ।
-उनके शरीर से 67 गोलियां पाई गईं थीं। दिनदहाड़े हुई इस हत्या में कुल छह लोग मारे गए थे। कृष्णानंद राय मोहम्मदाबाद सीट से विधायक थे।
-कृष्णानंद राय की हत्या के मुख्य गवाह शशिकांत राय की 2006 में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी।
-अन्य मामलों के अलावा कृष्णानंद राय की हत्या मामले में मुख्तार मुख्य आरोपी हैं।
-बसपा प्रमुख मायावती को मुख्तार और उनके भाई अफजाल ने ये कहा था कि उन्हें हत्या के मामले में फंसाया गया है।
-इसी के बाद दोनों बसपा में शामिल किए गए थे।
-कपिल देव सिंह की 2009 अप्रैल में हुई हत्या के आरोप में मुख्तार और दो अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
-बसपा से निकाले जाने और अन्य किसी पार्टी में जगह नहीं मिलने के बाद मुख्तार और उनके भाई अफजाल,सिगबतुल्ला ने अपनी पार्टी कौमी एकता दल बनाया।
-कौमी एकता दल के दो विधायक हैं।
-मुख्तार के अलावा उनके भाई सिगबतुल्ला मोहम्मदाबाद सीट से विधायक हैं। मुख्तार अभी जेल में हैं।