TRENDING TAGS :
मंदिर निर्माण के लिये अध्यादेश लाया गया तो मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड उसे कोर्ट में देगा चुनौती
राजधानी में आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक हुई, जिसमें बोर्ड की वर्किंग कमेटी ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा किया। बैठक में अयोध्या का राम मंदिर पर खास रूप से चर्चा की गई।
लखनऊ: राजधानी में आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक हुई, जिसमें बोर्ड की वर्किंग कमेटी ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा किया। बैठक में अयोध्या का राम मंदिर पर खास रूप से चर्चा की गई।
यह भी पढ़ें: राजस्थान: गहलोत का शपथ ग्रहण समारोह,विपक्षी एकता का शक्ति प्रदर्शन
गौरतलब है कि इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य हिंदूवादी संगठन राम मंदिर को लेकर काफी चर्चा कर रहे हैं। बैठक के बाद प्रेसवार्ता के दौरान बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य और प्रवक्ता जफरयाब जीलानी एडवोकेट ने कहा कि अयोध्या मामले में अगर राम मंदिर निर्माण के लिये संसद में अध्यादेश लाया गया तो मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में उसे चुनौती देगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में कानून बनाकर मंदिर निर्माण के बाबत हो रहे आयोजनों और बयानों का आज लखनऊ के नदवा कालेज में आयोजित बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक में कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गयी।
यह भी पढ़ें: श्रीलंका: राजनीतिक संकट खत्म, 51 दिन बाद दोबारा PM बने रानिल विक्रमसिंघे
इस पहले शनिवार को लखनऊ में बोर्ड की महिला विंग की कार्यशाला में बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा था कि इस्लामी शरीअत औरतों की सुरक्षा करने वाली है। यह शरीअत कयामत तक कायम रहेगी।
‘तहफ्फुज-ए-शरीअत व इस्लाह-ए-माअशरा’ शीर्षक से आयोजित इस कार्यशाला में बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य और प्रवक्ता जफरयाब जीलानी एडवोकेट ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के पैगाम, मकसद और इसके फैसलों को मुसलमानों के घर-घर तक पहुंचाने के लिए बोर्ड की महिला विंग की स्थापना की गयी है। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि वह एक अच्छे समाज की स्थापना में भरपूर हिस्सा लें और इस्लामी शरीअत में महिलाओं को दिये गए अधिकारों से लोगों को अवगत करवाएं।
यह भी पढ़ें: पत्नी गौरी की फोटो देख शाहरुख को सूझा रोमांस, पोस्ट पर लिखा-‘टाइमलेस’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या पर जनवरी महीने में सुनवाई करेगा। केंद्र की मोदी सरकार इसी सुनवाई का इंतजार कर रही है लेकिन हिंदूवादी संगठनों और खासकर संघ से जुड़े संगठनों ने राम मंदिर पर कानून लाने की मांग को और तेज कर दिया है। वहीं, ज्यादातर मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।