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काशी और संगम नगरी में बाढ़ से हाहाकार, कई गांव संकट में, स्कूल बंद
गंगा और यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। जिससे इलाहाबाद के कई इलाके में जबरदस्त तबाही मची हुई है। बाढ़ के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इलाहाबाद के डीएम संजय कुमार ने जिले में 12वीं तक के सभी स्कूलों में दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश जारी किया है।
इलाहाबाद/वाराणसी: गंगा और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर होने के बाद संगम नगरी और काशी में हाहाकार मचा है। कई इलाकों में जबरदस्त तबाही मची है। इलाहाबाद में 12वीं तक के सभी स्कूलों को दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है। वहीं, वाराणसी में गंगा का स्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार रात 9 बजे गंगा का स्तर 72.36 मीटर दर्ज किया गया था। वाराणसी में भी प्रशासन ने 23 अगस्त से 25 अगस्त तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
बाढ़ की वजह से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। इलाहाबाद के ग्रामीण इलाको के 167 गांव में लाखों लोग बाढ़ में फंसे हैं। इनके लिए सोमवार को हेलीकाप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई गई है। जिले के सभी क्षेत्रों में डीएम संजय कुमार और कमिश्नर राजन शुक्ल बाढ़ का जायजा लेने जा रहे हैं।
इलाहाबाद में गंगा और यमुना की बाढ़ का पानी नए इलाकों में घुस रहा है। नालों के बैक फ्लो करने से हालात और मुश्किल हो गए हैं। जलस्तर हर घंटे तीन सेमी से बढ़ रहा है। शहर में सभी बांधों पर सेना को अलर्ट किया गया है और एनडीआरएफ की टीमों को भी बचाव कार्य में लगाया गया है।
बाढ़ का असर मध्य प्रदेश से इलाहाबाद की ओर बहने वाली नदियों पर साफ दिख रहा है। यमुनापार इलाके में बहने वाली टोंस का दायरा अपनी सहायक नदियों लपरी और लोनी में ऊफान के कारण काफी बढ़ गया है। इसकी जद में नारीबारी इलाके के देवरा, लोनिपार, इटवा, मेजा, कोरांव और बारा तहसील के दो दर्जन से अधिक गांव आ गए हैं। इलाहाबाद में गंगा यमुना नदी कई दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और ऐसे में पानी में रहने वाले खतरनाक जानवर भी ऊपर तक आ रहे हैं। जिससे इलाके में ख़तरा मंडराने लगा है।
क्या कहना है डीएम का ?
-इलाहाबाद के डीएम संजय कुमार का कहना है कि अगले दो दिनों तक पानी और तेजी से बढ़ सकता है इसलिए लोग सतर्क रहे |
-डीएम का संजय कुमार का कहना है कि युद्धस्तर पर राहत और बचाव का काम जारी है।